POORAN RAWAT/EDITOR
ऊधमसिंहनगर जिले के सितारगंज के उकरौली खनन क्षेत्र में कुमाऊं मंडल विकास निगम को एक खनन पट्टा मिला हुआ है और बीते जनवरी माह में कुमाऊं मंडल विकास निगम के महाप्रबंधक ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि उकरौली खनन क्षेत्र में पानी आने के कारण खनन निकासी नहीं हो पा रही है….साथ ही निगम के जीएम ने डीएम को पत्र लिखकर यह निवेदन भी किया था कि उकरौली खनन क्षेत्र में उन्हें पानी की निकासी के साथ-साथ नाला बनाने के लिए पोकलैंड मशीन के इस्तेमाल की अनुमति प्रदान की जाए….निगम के जीएम के अनुरोध पर डीएम ने सितारगंज के उकरौली खनन क्षेत्र में 10 दिनों तक पोकलैंड मशीन चलाने की अनुमति कुमाऊं मंडल विकास निगम को इन शर्तों पर दी कि निगम द्वारा मौके पर पोकलैंड मशीन के द्वारा किसी भी प्रकार के उप खनिज का उत्खनन नहीं किया जाएगा और पोकलैंड मशीन का इस्तेमाल केवल पानी की निकासी,नाला बनाने और रास्ते के निर्माण के लिए ही किया जाएगा….
इसके अलावा जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग सितारगंज को खनन क्षेत्र में निगम द्वारा पोकलैंड मशीन से करवाएं जाने वाले सभी कार्यों की वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी करवाने के साथ-साथ पूरे मामले की निगरानी करने के आदेश भी दिए थे….पर लगता है कि जिलाधिकारी के आदेश का गलत इस्तेमाल कर कुमाऊं मंडल विकास निगम ने मौके पर पोकलैंड मशीन के साथ ही एक अन्य जेसीबी मशीन लगाकर जमकर अवैध खनन का काम करवाया….जरा आप भी इन दोनों वीडियो को ध्यान से देखिए क्या आपको लग रहा है कि पोकलैंड मशीन के द्वारा मौके पर जल निकासी की जा रही है अथवा कोई नाली या रास्ते का निर्माण किया जा रहा है….
इन दोनों वीडियो को देखकर यह साफ जाहिर हो रहा है कि मौके पर पोकलैंड मशीन के द्वारा जमकर उप खनिज का उत्खनन कर उप खनिज को एक स्थान पर एकत्र किया जा रहा है….उधर स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार बीते जनवरी माह में लगातार 10 दिनों तक पोकलैंड मशीन के द्वारा कैलाश नदी में 15-15 फुट तक गड्ढा कर जमकर अवैध तरीके से खनन कर्ताओं ने उप खनिज का उत्खनन कर राज्य सरकार को लाखों रुपए के राजस्व का चूना लगाया है….स्थानीय ग्रामीणों का यह भी कहना है कि मौके पर पोकलैंड मशीन से हुए अवैध खनन के कारण खनन क्षेत्र के आसपास के 5 गांव में अब बाढ़ आने की संभावना भी बनी हुई है….दरअसल सितारगंज के उकरौली राजस्व क्षेत्र में खनन करने के लिए कुमाऊँ मंडल विकास निगम के पास पट्टा तो है पर निगम खुद मौके पर खनन कार्य नहीं करता है….उधर सूत्रों की मानें तो वर्तमान समय में कुमाऊं मंडल विकास निगम ने मौके पर जिस फर्म को खनन कार्य करने का टेंडर दिया है उस फर्म के साथ दिल्ली का एक बड़ा शराब कारोबारी,बाजपुर का एक बड़ा व्यापारी और बाजपुर के एक स्टोन क्रेशर मालिक के साथ-साथ सितारगंज के कई सफेदपोश नेता भी शामिल हैं….
इस पूरे मामले पर जब हमने सितारगंज सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता एससी रमोला से उनका पक्ष जानने के लिए उन्हें फोन किया तो उन्होंने फोन तक नहीं उठाया…. अवैध खनन पर सख्ती से अंकुश लगाने वाले जिला खनन विभाग और खनन विभाग के अधिकारियों ने भी इस बेहद गंभीर मामले पर चुप्पी साधी ली है….सितारगंज के जिस क्षेत्र में पोकलैंड मशीन के द्वारा बड़े पैमाने पर यह खनन कार्य हुआ वहां के पूर्व प्रधान मदनलाल और वर्तमान प्रधान राधादेवी ने कई बार इस पूरे मामले को लेकर आवाज उठाई पर किसी ने इनकी फरियाद नहीं सुनी…. उकरौली के जनप्रतिनिधियों ने यह भी बताया कि अवैध खनन कर्ताओं ने पोकलैंड मशीन के द्वारा कैलाश नदी के मध्य से होकर उकरौली गांव को जाने वाले रास्ते को भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है….जिस कारण ग्रामीणों को अब गांव जाने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है….स्थानीय ग्रामीणों की माने तो खनन क्षेत्र के पटवारी के साथ ही स्थानीय पुलिस-प्रशासन को भी कैलाश नदी खनन क्षेत्र में होने वाले अवैध खनन की पूरी जानकारी थी पर बावजूद इसके किसी ने कोई कार्यवाही नहीं की….अब देखना यह होगा कि इस पूरे मामले पर जिले के तेजतर्रार एवं ईमानदार छवि वाले जिलाधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं|