POORAN RAWAT/EDITOR
हरित क्रांति की जन्मस्थली कहे जाने वाले तराई में बसे ऊधमसिंहनगर जिले के धान क्रय केंद्रों पर इन दिनों किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है….किसानों की मजबूरी का फायदा बिचौलिए और राइस मिलर्स उठा रहे हैं….दरअसल बीते 3 नवंबर को उपनिबंधक कुमाऊं नीरज बेलवाल ने खटीमा के मुंडेली,दमगड़ा और चारू बेटा सहकारी धान क्रय केंद्रों का औचक निरीक्षण करने जब मौके पर पहुंचे तो धान क्रय केंद्र बंद पड़े हुए मिले और धान क्रय केंद्र पर एक किसान भी मौजूद था जो धान से लदी हुई ट्राली लेकर धान की तौल करवाने के लिए बकेवर क्रय केंद्र खोलने का इंतजार कर रहा था….थोड़ी देर बाद जब मौके पर सहायक केंद्र प्रभारी नरेंद्र सिंह पहुंचे तो पूछताछ में पता चला कि उनके पास खरीद से संबंधित कोई रिकॉर्ड ही मौजूद नहीं थे पर सख्ती दिखाने के कुछ देर बाद जब दस्तावेज उपनिबंधक को दिखाए गए तो पता चला कि बीते 2 नवंबर को खटीमा के मुंडेली क्रय केंद्र पर लगभग 101 क्विंटल धान क्रय किया गया मगर दस्तावेजों में 688 क्विंटल धान क्रय करना दिखाया गया था….इसके अलावा बीते चार अक्टूबर को जब उपनिबंधक नीरज बेलवाल ने काशीपुर के गड़ीनेगी सहकारी समिति क्रय केंद्र का औचक निरीक्षण किया तो पाया कि केंद्र प्रभारी मौके से नदारद थे और धान खरीद से संबंधित रिकॉर्ड भी गायब थे….
(बंशीधर भगत,प्रदेश अध्यक्ष भाजपा,उत्तराखंड)
इसके अलावा धान क्रय केंद्र पर 2 दिनों से बोरियां न होने के कारण धान क्रय का काम भी बंद था….मौके पर मौजूद सहायक केंद्र प्रभार ने बताया कि 4 नवंबर को धान क्रय केंद्र पर कोई तोल नहीं हुई है,जबकि दस्तावेजों में 674 कुंटल धान क्रय करना दर्शाया गया था….उपनिबंधक के निरीक्षण में यह बातें भी सामने आई कि कई धान क्रय केंद्रों पर तो बोरिया ना होने के कारण भी धान क्रय का काम बंद था,इसके अलावा कुछ केंद्रों पर मैन पावर की कमी के कारण भी अवस्थाएं बनी हुई थी….और मजे की बात देखिए सहकारिता विभाग के उपनिबंधक जैसे बड़े अधिकारी जिले के कई धान क्रय केंद्रों का औचक निरीक्षण कर बड़े गोलमाल की जांच रिपोर्ट तैयार कर जिले से रवाना भी हो गए पर जिले के सहायक निबंधक हरीश खंडूरी को उपनिबंधक द्वारा धान क्रय केंद्रों पर किए गए निरीक्षण की भनक तक नहीं लगी….उपनिबंधक कुमाऊं द्वारा किए गए धान क्रय केंद्रों के औचक निरीक्षण में जो मामले सामने निकल कर आए हैं उन्हें देखकर अब सवाल यह उठता है कि जब सहकारी समितियों में पर्याप्त मात्रा में धान क्रय नहीं हो रही है तो दस्तावेजों में अधिक से अधिक धान क्रय करना कैसे दिखाया जा रहा है….
(अनिल चौहान,प्रदेश अध्यक्ष,किसान मोर्चा भाजपा,उत्तराखंड)
क्या किसानों के हकों पर बिचौलिए,सहकारी समितियों के कर्मचारी एवं अधिकारी और राईस मिलर्स डाका डाल रहे हैं….जहां एक तरफ देश में नए किसान बिल में किसानों को अधिक लाभ व सहूलियत देने की बात की जा रही हैं,वहीं दूसरी तरफ धान क्रय केंद्रों पर धान तौल के नाम पर जमकर हेराफेरी हो रही है….उधर सहकारी धान क्रय केंद्रों पर ठीक से धान खरीद न होने से किसानों को मजबूरी में औने-पौने दाम पर धान बिचौलियों को बेचना पड़ रहा है….इस वजह से एक तरफ जहां अन्नदाताओं को प्रति कुंटल धान की बिक्री में 200 से लेकर ₹500 तक का नुकसान हो रहा है वहीं दूसरी तरफ बिचौलिए और राइस मिलर्स राज्य सरकार को भी आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे जा रहे हैं….उधर तराई में धान खरीद में हो रही बड़ी अनियमितता को लेकर राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तिलक राज बेहड़ ने आज एक बयान जारी कर यह कहा कि किसानों के साथ भाजपा की केंद्र व राज्य सरकार धान खरीद को लेकर धोखा कर रही है….
(तिलकराज बेहड़,पूर्व स्वास्थ्य मंत्री,उत्तराखंड)
आज किसान औने-पौने दामों में अपना धान बेच रहा है….भाजपा सरकारों में किसानों का शोषण लगातार किया जा रहा है,जो भाजपा सरकार कहती थी की कृषि कानून बनाकर किसानों को उचित मूल्य देंगे,उसी भाजपा की सरकार में आज किसानों को 400 से 500 रू प्रति कुंटल नुकसान पर अपना धान बेचना पड़ रहा है….वहीं दूसरी तरफ इस पूरे मामले पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि प्रदेश के किसानों से प्राथमिकता के आधार पर धान खरीद की जा रही है….जिले के धान क्रय केंद्रों पर लगातार आ रही अनियमितताओं की शिकायत के मामले को काफी गंभीरता से लेते हुए भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौहान ने भी अब यह साफ कहा है कि तराई के कुछ धान क्रय केंद्रों पर लगातार अनियमितताओं की शिकायत आ रही है, जिनकी शिकायत जल्द ही वो राज्य के मुख्यमंत्री से करेंगे|