POORAN RAWAT/EDITOR
उत्तर प्रदेश के पूर्व बाहुबली मंत्री प्रेम प्रकाश सिंह और ऊधमसिंहनगर जिले के पूर्व डीजीसी राजस्व स्वतंत्र बहादुर सिंह सहित कुल 9 लोगों को आज पूर्व पुलिस उपाधीक्षक राम अवध सिंह की भूमि की फर्जी वसीयत बनाकर भूमि पर कब्जा करने के मामले को लेकर न्यायिक मजिस्ट्रेट/सिविल जज सीनियर डिवीजन ने सजा सुना दी है….गौरतलब है कि पूर्व डीएसपी रामअवध सिंह की बेटी प्रभावती देवी ने 3 मई वर्ष 2014 में रुद्रपुर कोतवाली में पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश सिंह,नवनाथ तिवारी और प्रेम नारायण सिंह के खिलाफ फर्जी वसीयत बनाकर अपने पिता की जमीन कब्जा करने का मुकदमा दर्ज करवाया था….बाद में इस पूरे मामले की जांच के दौरान पुलिस ने पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश सिंह उनकी पत्नी मंजू लता सिंह,बेटे शिव वर्धन सिंह,पुत्र वधू निधि सिंह पूर्व डीजीसी स्वतंत्र बहादुर सिंह,उनकी पुत्र वधू शिखा सिंह और पत्नी गीता सिंह सहित कुल 9 लोगों को फर्जी वसीयत बनाकर पूर्व डीएसपी राम अवध सिंह की जमीन कब्जा करने का आरोपी पाया था….
(पूर्व डीएसपी रामअवध सिंह की बेटी प्रभावती देवी)
इस पूरे मामले की जांच में पुलिस ने सभी आरोपियों को दोषी पाया था और कोर्ट में पूरे मामले की चार्जशीट दाखिल कर दी थी…. इस पूरे मामले की सुनवाई के दौरान आज कोर्ट ने पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश सिंह को 5 साल,उनके बेटे शिव वर्धन सिंह को 3 साल,पूर्व मंत्री की पत्नी और पुत्रवधू को एक-एक साल की सजा सुनाई है….वहीं दूसरी तरफ इस पूरे मामले में कोर्ट ने पूर्व डीजीसी राजस्व स्वतंत्र बहादुर सिंह को 2 साल उनकी पुत्रवधू शिखा सिंह और पत्नी गीता सिंह को एक-एक साल की सजा सुनाई है….उधर इस पूरे मामले में फर्जी वसीयत बनाने वाले दो गवाह नवनाथ तिवारी और प्रेम नारायण सिंह को कोर्ट ने तीन-तीन साल की सजा सुनाई है….
(न्यायिक हिरासत में जेल जाते हुए पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश सिंह)
गौरतलब है कि इस पूरे मामले की विवेचना में तत्कालीन इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर सब इंस्पेक्टर दीवान सिंह रावल,इंस्पेक्टर अरविंद सिंह डंगवाल और सब इंस्पेक्टर भगत सिंह बिष्ट ने काफी ईमानदारी से मेहनत की थी, जिस कारण बाहुबली पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश सिंह सहित 9 लोगों को आज कोर्ट ने सजा सुना दी है….हालांकि इस पूरे मामले में कोर्ट ने आज पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश सिंह को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है,जबकि इस पूरे मामले के 8 अन्य आरोपियों को कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है….
यह पूरा मामला कितना हाईप्रोफाइल था इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस पूरे मामले की पैरवी करने वाले अधिवक्ता आनंद सिंह सोलंकी के जीवन को खतरा देखते हुए एलआईयू रिपोर्ट के आधार पर आनंद सिंह सोलंकी को 3 साल तक सशस्त्र पुलिस सुरक्षा भी मुहैया कराई गई थी|