POORAN RAWAT/EDITOR
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के चौबेपुर थाना क्षेत्र में स्थित बिकरू गांव में देर रात कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर आधा दर्जन से अधिक कुख्यात अपराधियों द्वारा की गई ताबड़तोड़ फायरिंग में उत्तरप्रदेश पुलिस के एक सीओ, थानाध्यक्ष और एक दरोगा सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए….कानपुर के बिकरू गांव में हुई इस वारदात में आठ अन्य पुलिसकर्मी भी गंभीर रूप से घायल हो गए….
मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मियों के अनुसार देर रात लगभग 50 पुलिसकर्मियों की टीम जब कुख्यात बदमाश विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए बिकरू गांव पहुंची तो सबसे पहले बीच सड़क पर जेसीबी खड़ी करके पुलिस टीम को रोकने की कोशिश की गई और बाद में गांव के अंदर जैसे ही पुलिस टीम दाखिल हुई तो अत्याधुनिक हथियारों से लैस बदमाशों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया….
बताया जा रहा है कि आगे बढ़ रहे पुलिस टीम का नेतृत्व कर रहे सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा ने जब गांव के एक घर के अंदर घुसकर मोर्चा लेने की कोशिश की तो बदमाशों ने उन्हें बाहर खींच लिया और उनके सिर पर गोली मार दी….ठीक इसी तरह कुछ बदमाशों ने सिपाहियों को पकड़ लिया और बुरी तरह से पीट-पीटकर सिपाहियों को माैत के घाट उतार दिया….घटनास्थल पर मौजूद पुलिसकर्मियों की खून से सनी हुई पुलिस कैप और गांव के 100 मीटर के दायरे में पड़े खून के धब्बे बयां कर रहे थे कि अपराधियों ने किस बेखौफ तरीके से यहां पुलिसकर्मियों की हत्या की वारदात को अंजाम दिया था….गुरुवार रात करीब साढ़े 12 बजे बिठूर और चौबेपुर थाने की पुलिस टीम के साथ लगभग 50 पुलिसकर्मियों का नेतृत्व कर रहे सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा ने कुख्यात बदमाश विकास दुबे के गांव बिकरू में उसके घर पर दबिश दी थी….
बिठूर एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि जैसे ही पुलिस टीम ने गांव में प्रवेश किया अपराधी विकास दुबे ने अपने अन्य साथियों के साथ पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी….पुलिस टीम पर हमला करने वाले बदमाशों ने विकास दुबे के घर के अंदर और छत से लगातार गोलियां चलाई….बदमाशों की गोलीबारी में सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा,एसओ शिवराजपुर महेश यादव और एक अन्य दरोगा सहित कुल आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए….
जबकि बदमाशों और पुलिस की मुठभेड़ के दौरान एसओ बिठूर और एक दरोगा समेत 8 पुलिसकर्मियों को गोली भी लगी है….जिन्हें गंभीर हालत में रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है….मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर की घटना में मारे गए पुलिसकर्मियों के प्रति शोक और उनके परिजनों से संवेदना प्रकट करने के साथ ही राज्य के पुलिस महानिदेशक को अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं….अपराधियों के साथ मुठभेड़ के दौरान बिठूर एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह को एक गोली जांघ और दूसरी हाथ पर लगी….
इसके अलावा सिपाही अजय सेंगर,अजय कश्यप,सिपाही शिवमूरत,दरोगा प्रभाकर पांडेय,होमगार्ड जयराम पटेल समेत सात पुलिसकर्मियों को भी गोलियां लगीं है….सूत्रों के अनुसार जिस सुनियोजित तरीके से पुलिस टीम पर हमला हुआ उससे यह आशंका जताई जा रही है कि बदमाशों को पुलिस की दबिश की भनक मिल गई थी और यही कारण था कि बदमाशों ने पूरी तैयारी के साथ पुलिस टीम पर हमला किया था….हालांकि इस पूरी वारदात के बाद आज तड़के हुई दूसरी मुठभेड़ में पुलिस ने कुख्यात बदमाश विकास दुबे के मामा प्रेम प्रकाश पांडे और अतुल दुबे को ढेर कर दिया है….पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार विकास दुबे एक खूंखार अपराधी है जिस पर 2001 में शिवली थाने में घुसकर तत्कालीन श्रम संविदा बोर्ड के चेयरमैन एवं दर्जा राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या की वारदात को अंजाम देने का मुकदमा भी दर्ज है….
इसके अलावा कुख्यात अपराधी विकास दुबे के ऊपर उत्तरप्रदेश के कई थाना में हत्या,बलवा और लूट जैसे दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे भी दर्ज हैं….कानपुर मुठभेड़ के इस पूरे मामले को देख कर सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिरकार बदमाशों को पुलिस टीम के आने की सूचना किसने दी ?….क्या पुलिस टीम में ही मौजूद था बदमाशों का कोई मुखबिर ?….अत्याधुनिक हथियारों से लैस 50 पुलिसकर्मी आखिरकार क्यों नहीं कर पाए मजबूती से बदमाशों का सामना ?….जब हिस्ट्रीशीटर बदमाश ही 8 पुलिसकर्मियों को मुठभेड़ में कर दे रहे हैं शहीद तो आतंकियों से कैसे निपटे की उत्तरप्रदेश पुलिस ?
उधर कानपुर में घटित हुई इस जघन्य वारदात के बाद उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था अशोक कुमार ने आज राज्य के सभी 13 जिलों के लिए मुठभेड़ से संबंधित एक नया सर्कुलर जारी किया है….जिसमें पुलिस कर्मियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि अपराधियों के साथ मुठभेड़ के लिए पुलिसकर्मी वारदात स्थल की पूरी रेकी करने के बाद बुलेट प्रूफ जैकेट पहन कर,अत्यधिक अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर और प्रॉपर टीम कोआर्डिनेशन के साथ सुनियोजित ढंग से दबिश दें….साथ ही डीजी कानून व्यवस्था ने यह भी आदेश जारी किए हैं कि अगर जरूरत पड़े तो मुठभेड़ के दौरान पुलिस टीम कमांडो यूनिट के साथ अपराधियों को पकड़ने के लिए जाए….गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के कई जनपदों से सटे हुए उत्तराखंड के हरिद्वार,देहरादून,नैनीताल और ऊधमसिंहनगर भी दर्जनों की संख्या में कुख्यात बदमाश रहते हैं और तो और समय-समय पर बदमाश इन 4 जनपदों में बड़ी वारदात को अंजाम देने से भी नहीं चूकते हैं….
इसके अलावा खराब पुलिसिंग के कारण बीते दिनों अपराध और अपराधियों की दृष्टि से काफी संवेदनशील तराई में बसे जनपद ऊधमसिंहनगर में भी अपराधियों ने पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमले की वारदात को अंजाम दिया था….कुल मिलाकर कानपुर में हुई इस जघन्य वारदात को देखकर एक बात तो साफ है कि अगर अपराधियों के दिलो-दिमाग से पुलिस का खौफ खत्म हो गया तो निश्चित तौर पर आम लोगों को निशाना बनाने के साथ-साथ शातिर अपराधी पुलिस को भी अपना निशाना बनाने में पीछे नहीं हटेंगे….
लिहाजा एक टीम लीडर होने के नाते संवेदनशील जिलों में तैनात पुलिस अधीक्षकों को यह समझ लेना चाहिए कि अब समय आ गया है कि अपराध और अपराधियों पर बेहद सख्ती के साथ पुलिस को अंकुश लगाना चाहिए….नहीं तो आने वाले समय में इसका सबसे बड़ा खामियाजा भी पुलिस को ही भुगतना पड़ सकता है|