POORAN RAWAT/EDITOR
बीते 19 सितंबर की देर रात रुद्रपुर के एनएच-74 पर स्थित पाम ग्रीन बिल्डर के ऑफिस को जेसीबी मशीनों से ध्वस्त करवाने के मामले में रुद्रपुर कोतवाली में वादी पक्ष/शिकायतकर्ता प्रिया शर्मा की तहरीर के आधार पर रुद्रपुर कोतवाली में पुलिस ने रामपुर के हिस्ट्रीशीटर अपराधी अवतार सिंह तारू,किरतपुर निवासी वीरेंद्र सिंह,ऐश फर्नीचर रुद्रपुर के मालिक विजय कुमार गाबा,नैनीताल मोटर्स के मालिक भूपेश अग्रवाल,भूपेश अग्रवाल के ताऊ रोहतास अग्रवाल और उनके बेटे एवं स्वास्तिक मिनरल इंडस्ट्री के मालिक विनय अग्रवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 457,380,427, 342,354, 504,506,120 बी के तहत मुकदमा दर्ज करवाया था….खुद पर मुकदमा दर्ज होने के बाद हल्द्वानी के नामी व्यवसायी लाला रोहतास अग्रवाल गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे थे….
(वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुमित हृदयेश के साथ रोहतास अग्रवाल और विनय अग्रवाल)
जहां आज सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने इस बेहद गंभीर मामले में लाला रोहतास अग्रवाल को कोई राहत नहीं दी है…. और हाईकोर्ट के माननीय न्यायाधीश ने रोहतास अग्रवाल द्वारा गिरफ्तारी से बचने के लिए दायर की गई याचिका को ही खारिज कर दिया ….गौरतलब है कि एक तरफ जहां उत्तरप्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त रुख के बाद सरकार भूमाफियाओं,बदमाशों और सफेदपोश अपराधियों की अवैध संपत्तियों को जप्त करने के साथ ही काली कमाई से बनाए उनके अवैध निर्माणों ध्वस्त करने की कार्रवाई कर रही है,वहीं दूसरी तरफ इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश का एक भू-माफिया उत्तराखंड में आकर पुलिस की नाक के नीचे खुलेआम जेसीबी मशीनों से बिल्डर के ऑफिस को ध्वस्त करने के बाद सेटिंग के खेल से अंडर ग्राउंड हो जाता है और बड़े ही शर्म की बात है कि मित्र पुलिस आज तक इस पूरे मामले के एक भी आरोपी को गिरफ्तार तक नहीं कर पाती है….
(भूपेश अग्रवाल,नैनीताल मोटर्स और नेक्सा शोरूम हल्द्वानी के मालिक)
इस पूरे मामले में अगर पुलिस आरोपी बनाए गए लाला रोहतास अग्रवाल,ऐश फर्नीचर रुद्रपुर के मालिक विजय कुमार गाबा और हिस्ट्रीशीटर अपराधी अवतार सिंह तारु की केवल कॉल डिटेल निकाल ले तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा साथ ही पुलिस को इस पूरे मामले में मजबूत सेंटिफिक एविडेंस मिल सकते हैं….पर यह सब तब होगा जब पुलिस इस पूरे मामले में वाकई इंटरेस्ट लेकर काम करें क्योंकि पुलिस के रुख को देखकर ऐसा लग रहा है कि पुलिस इस पूरे मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है….यही कारण है कि इस पूरे मामले में नामजद किए गए आरोपियों के लाइसेंसी हथियारों की निरस्तीकरण की रिपोर्ट भी अभी तक पुलिस जिला प्रशासन को नहीं भेजी पाई है….
(विजय कुमार गाबा,ऐश फर्नीचर रुद्रपुर के मालिक)
हम आपको बता दें कि इस पूरे मामले में आरोपी बनाए गए ज्यादातर लोगों के पास लाइसेंसी हथियार हैं और शिकायतकर्ता/वादी पक्ष ने भी दर्ज कराई गई एफआईआर में आरोपियों से खुद की जान को खतरा बताया है….बावजूद इसके वारदात के इतने दिनों बाद भी पुलिस ने अब तक इस पूरे मामले के नामजद आरोपियों के लाइसेंसी हथियारों को न तो जमा करवाया है और ना ही हथियारों के लाइसेंस निरस्तीकरण की रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजी है….उधर सूत्रों की माने तो हाईकोर्ट से राहत न मिलने के बाद इस पूरे मामले में आरोपी बनाए गए हल्द्वानी के तीनों अग्रवाल बंधु गिरफ्तारी से बचने के लिए भूमिगत हो गए हैं….इस पूरे मामले को देखकर एक बात तो स्पष्ट है कि एक तरफ जहां माननीय उच्च न्यायालय से भी नामजद आरोपियों को थोड़ी भी राहत नहीं मिल रही है पर वहीं दूसरी तरफ पुलिस का आशीर्वाद नामजद आरोपियों को जरूर मिल रहा है….क्योंकि बीते 11 दिनों से पुलिस यह दावा कर रही है कि वह इस पूरे मामले के आरोपियों को पकड़ने के लिए लगातार दबिश दे रही है पर सभी आरोपी आज भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं….अब सवाल यह भी उठता है कि जब आरोपी पुलिस की पकड़ में नहीं आ रहे हैं तो पुलिस ने अब तक कोर्ट से आरोपियों पर शिकंजा कसने के लिए गैर जमानती वारंट लेने का आवेदन क्यों नहीं किया….
(अवतार सिंह तारु,हिस्ट्रीशीटर अपराधी,जनपद रामपुर)
अगर पुलिस इस पूरे मामले में आरोपियों के खिलाफ समय से कोर्ट से गैर जमानती वारंट प्राप्त कर लेती है तो आने वाले समय में पुलिस गिरफ्तारी न होने पर सभी आरोपियों के खिलाफ कोर्ट के आदेश के बाद 82 और 83 की कार्यवाही भी कर सकती है…. दरअसल पुलिस इस पूरे मामले को बेहद हल्के में ले रही है….मगर पुलिस को यह समझ लेना चाहिए कि उत्तरप्रदेश का एक भू- माफिया एवं हिस्ट्रीशीटर अपराधी पुलिस को चुनौती देते हुए खुलेआम एक बिल्डर के ऑफिस को जेसीबी मशीनों से ध्वस्त करवाने के बाद सकुशल मौके से फरार हो जाता है और पुलिस की पकड़ में आज तक ना तो मामले का मुख्य आरोपी और ना ही उसके गुर्गे आ पाते हैं….
(पाम ग्रीन के इसी ऑफिस को किया गया था ध्वस्त)
इस पूरे मामले में एक बात तो तय है कि अगर जल्द ही पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई नहीं की तो आने वाले समय में इस वारदात को अंजाम देने वाला उत्तरप्रदेश का हिस्ट्रीशीटर अपराधी अवतार सिंह तारू निश्चित रूप से रुद्रपुर में किसी ना किसी बड़ी वारदात को अंजाम जरूर देगा….इसलिए समय रहते पुलिस को ऐसे शातिर अपराधियों जेल की सलाखों के पीछे भेज कर समाज में एक संदेश साफ तौर पर देना होगा कि कानून सबसे ऊपर है और समाज में हमेशा कानून का राज कायम रहना चाहिए|
रुद्रपुर के पाम ग्रीन ऑफिस को ध्वस्त करने का मामला….गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट पहुंचे रोहतास,भूपेश और विनय अग्रवाल को नहीं मिली कोई राहत
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