POORAN RAWAT/EDITOR
वर्तमान समय में एटीएस हरिद्वार और पीटीसी नरेंद्र नगर में ट्रेनिंग लेने वाले पुलिस अधिकारियों को देते हैं प्रशिक्षण
1 मई वर्ष 1954 में अल्मोड़ा जिले के ग्राम कमान में स्वर्गीय श्रीमती मथुरा देवी और स्वर्गीय श्री मोती सिंह नेगी के यहां जन्मे महेंद्र सिंह नेगी वर्ष 1980 में बिजनौर जिले में एसआई के तौर पर यूपी पुलिस में भर्ती हुए…. बिजनौर में बतौर एसआई भर्ती होने के बाद महेंद्र सिंह नेगी अपराध और अपराधियों के दृष्टि से काफी संवेदनशील पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत,मेरठ, सहारनपुर और गाजियाबाद जैसे संवेदनशील जनपद में तैनात रहे…. इस दौरान यहां महेंद्र सिंह नेगी ने कई डकैतों, सुपारी किलर और कुख्यात इनामी बदमाशों को मुठभेड़ के दौरान मौत के घाट उतार दिया…. वर्ष 1989 में देहरादून के कुख्यात बदमाश निक्कू को भी पुलिस टीम के साथ महेंद्र सिंह नेगी ने मुठभेड़ के बाद ढेर कर दिया था…. वर्ष 1998 में महेंद्र सिंह नेगी का प्रमोशन हो गया और नेगी इंस्पेक्टर बन गए….2 मई वर्ष 1999 में ऑन ड्यूटी बागपत कोतवाली के कोतवाल शैलेंद्र सिंह तोमर की हत्या करने वाले कुख्यात बदमाश संजीव नयन को 7 जून को महेंद्र सिंह नेगी ने मुठभेड़ के बाद ढेर कर दिया था….एक कोतवाल की हत्या करने वाले बदमाशों को मुठभेड़ में मौत के घाट उतारने वाली महेंद्र सिंह नेगी अब पुलिस अधिकारियों में भी हीरो बन चुके थे….बाद में वर्ष 2000 में महेंद्र सिंह नेगी ने बागपत जिले के कोतवाली बड़ौत में तैनाती के वक्त कुख्यात बदमाश अशोक स्वामी और संजय ढाका को दिनदहाड़े हुई एक पुलिस मुठभेड़ के बाद ढेर कर दिया था….वर्ष 2008 में नैनीताल जनपद के हल्द्वानी में एक पेट्रोल पंप स्वामी के यहां लाखों रुपए की डकैती की वारदात को अंजाम देने वाले दो शातिर डकैतों को को भी पुलिस टीम के साथ रुद्रपुर के संजयनगर खेड़ा में मुठभेड़ के बाद महेंद्र सिंह नेगी ने ढेर कर दिया था….
वर्ष 2009 में लालकुआं में भी नेगी ने 2 शातिर डकैतों को मुठभेड़ के बाद ढेर कर दिया था….एक जांबाज,सरल स्वभाव और दिलेर अफसर होने के साथ-साथ महेंद्र सिंह नेगी की ख्याति एक ईमानदार अफसर के रूप में भी है…. महेंद्र सिंह नेगी ने पुलिस में नौकरी के दौरान कभी भी अपनी वर्दी में जेब नहीं रखी….मतलब साफ था कि महेंद्र सिंह नेगी जब रिश्वत लेते ही नहीं है तो जेब रखने का मतलब ही क्या हुआ….राज्य गठन के बाद वर्ष 2003 में नेगी उत्तराखंड आ गए….
उत्तराखंड में भी महेंद्र सिंह नेगी ने अपराध और अपराधियों की दृष्टि से सबसे संवेदनशील हरिद्वार,ऊधमसिंहनगर,नैनीताल और देहरादून जनपद में अपनी सेवाएं दी….वर्ष 2017 में महेंद्र सिंह नेगी उत्तराखंड पुलिस से सेवानिवृत्त हो गए….अपनी तेजतर्रार और ईमानदार छवि के कारण ज्यादातर जिलों में नेगी रसूखदारो और राजनेताओं की आंखों में चुभते रहे….यही कारण रहा कि नेगी के साथ भर्ती हुए अन्य अधिकारी जहां एक तरफ अपर पुलिस अधीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए वहीं महेंद्र सिंह नेगी को अपने जीवन काल में सिर्फ एक ही प्रमोशन मिल पाई….पर बावजूद इसके महेंद्र सिंह नेगी सेवानिवृत्त होने के बाद आज भी पुलिस विभाग में बिताए गए अपने सेवाकाल से पूरी तरह से संतुष्ट हैं…. वीरों की धरती उत्तराखंड को आज भी महेंद्र सिंह नेगी पर नाज है क्योंकि महेंद्र सिंह नेगी ने उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दर्जनों मुठभेड़ के बाद धरती पर बोझ बन चुके 54 डकैत,इनामी बदमाशों और कुख्यात अपराधियों को हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया है….
सामान्य सी कद काठी वाले उत्तराखंड के इस लाल के नाम से आज भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े-बड़े अपराधी भय खाते हैं…. और आज भी बड़े-बड़े खूंखार अपराधियों को पकड़ने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश की पुलिस अधिकारी नेगी से उनके अनुभव का लाभ लेते रहते हैं….गणतंत्र दिवस के अवसर पर देवभूमि उत्तराखंड के इस वीर सपूत महेंद्र सिंह नेगी को हम भी करते हैं सलाम|
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