आपने अभी तक सफेद या मटमैले रंग की फूलगोभी खाई होगी पर अब आप अपने ही शहर में गुलाबी और पीले रंग की फूलगोभी भी खा सकते हैं वो भी मात्र ₹20 प्रति किलो….जी हां,पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के सब्जी अनुसंधान केंद्र में कृषि वैज्ञानिकों ने कलर फुल हाइब्रिड बैगनी (परपल) और संतरी (पीले) रंग की फूल गोभी उगाई है….जो किसानों और स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रही है,दरअसल आप लोगों ने अब तक सफेद या मटमैले सफेद रंग की फूलगोभी देखी होगी पर चटक गुलाबी और पीले रंग की फूलगोभी कभी नहीं देखी होगी पर पंतनगर के सब्जी अनुसंधान केंद्र के कृषि वैज्ञानिकों ने ऐसी हाइब्रिड फूलगोभी उगाने का कमाल कर दिखाया है और आप चाहे तो सब्जी अनुसंधान केंद्र से ₹20 किलो के भाव इन दोनों रंगों की गोभी को खरीद कर इनका स्वाद भी चख सकते हैं….
हम आपको बता दें कि इस तरह की फूलगोभी का भाव जहां एक तरफ दिल्ली के बाजार में ₹80 से लेकर ₹100 प्रति किलो है,वहीं दूसरी तरफ पंतनगर विद्यालय के सब्जी अनुसंधान केंद्र से आज लोगों ने इन दोनों रंग की फूलगोभी को मात्र ₹20 किलो के भाव से खरीदा ….सब्जी अनुसंधान केंद्र में गुलाबी और पीली फूलगोभी के अलावा लाल पत्ता गोभी का भी खूब उत्पादन हो रहा है…अनुसंधान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ.ललित भट्ट ने बताया कि इन रंग बिरंगी गोभी की विशेषता यह है कि इसमें कैलोरी कम होती है और ये एक अच्छा फाइबर का स्त्रोत है,जो वजन कम करने में सहायक है…इसमें फाइटो केमिकल एंटीआक्सीडेंट रिबोफ्लेविन और मिनरल पाए जाते हैं,जिससे मनुष्य स्वस्थ होता है और उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि होती है….
(हाथ में गोभी लिए हुए डॉ सतीश शर्मा और डॉ ललित भट्ट)
आर्गेनिक विधि से तैयार करने से इसकी गुणवत्ता में और भी वृद्धि हो जाती है…अगर सेवन की बात करें तो इसका उपयोग सब्जी,अचार, पकौड़ा और सूप आदि बनाने के लिए आराम से हो सकता है…इसकी खेती में सामान्य एवं आर्द्र जलवायु सहायक है…15 से 25 डिग्री तक के तापमान में भी इसकी खेती आराम से हो सकती है…हाईब्रिड फूलगोभी जैसे देखने में अलग-अलग रंगों में है,वैसी ही स्वाद में भी अलग-अलग है और टेस्टी है….गुणवत्ता की बात करें तो नई ब्रिड ब्रोकली से भी ज्यादा पोषक तत्व से भरी है….
******रंगीन फूलगोभी की खेती******
भारत में कई राज्यों के किसान रंगीन फूलगोभी की फसल लगा रहे हैं…बिहार,झारखंड,छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में रंगीन फूलगोभी की खेती से किसानों को काफी अच्छे परिणाम मिले हैं…इसकी सिंतबर से लेकर अक्टूबर तक नर्सरी तैयार की जाती है और 20 से 30 दिन के अदंर रोपाई का काम किया जाता है…रंगीन फूलगोभी में संतरी (पीले) रंग की फूलगोभी को कैरेटीना,बैंगनी (गुलाबी)रंग की फूलगोभी को एलिनटीला और हरे रंग की फूल गोभी को ब्रोकली कहते हैं….
****ह्रदय रोग व कैंसर के जोखिम को कम करती है गोभी****
बता दें कि फूल गोभी में मौजूद सल्फोराफेन नामक तत्व में एंटीकैंसर प्रभाव होता है,जिसकी वजह से यह प्रोस्टेट कैंसर,कोलन कैंसर और अन्य कैंसर के जोखिम को भी कम कर सकती है…सर्दियों में अधिकतर लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं और फूल गोभी का सेवन इस समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है…इसके अलावा ह्रदय रोगियों के लिए भी फूलगोभी लाभदायक मानी जाती है….
हालांकि पोषक तत्व से भरपूर स्विटजरलैंड में पैदा होने वाली हाइब्रिड फूलगोभी की खेती अब देश के कई राज्यों में सफलतापूर्वक हो रही है,जो सेहत के लिए भी काफी लाभदायक है…समय के साथ-साथ विदेश में होने वाली बागवानी फसलों की डिमांड अब हमारे देश में भी बढ़ती जा रही है…ऐसे में प्रदेश और देश के किसान साधारण सब्जियों के बजाय कुछ विदेशी और इस तरह की अधिक आय वाली अनोखी सब्जियों की खेती पर अब ज्यादा से ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।