Sunday, December 22, 2024
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*रुद्रपुर:द मेडिसिटी हॉस्पिटल में 100 वें सफल आईवीएफ का मनाया गया जश्न,लाभान्वित दंपतियों ने साझा किए अपने-अपने अनुभव*

रुद्रपुर के नामी द मेडिसिटी हॉस्पिटल में रविवार को 100 वें सफल आई०वी०एफ० का जश्न बड़े ही धूमधाम से मनाया गया और इस दौरान ‘इन विट्रो फर्टिलाइजेशन’ यानी आईवीएफ तकनीक से लाभान्वित दंपत्तियों को सम्मानित किया गया….आई०वी०एफ० की तकनीक के माध्यम से पैदा हुए बच्चों ने केक काटकर अस्पताल में जश्न मनाया और आईवीएफ तकनीक से पैदा हुए बच्चों को अस्पताल प्रबंधन की ओर से उपहार भी वितरित किए गए….इस दौरान अस्पताल की आईवीएफ स्पेशलिस्ट एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ०अंजू छाबड़ा ने कहा की बढ़ते तनाव और अनियमित जीवन शैली के चलते महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों में भी नि:संतानता की समस्या काफी गंभीर रूप ले रही है….

आईवीएफ द मेडिसिटी की संस्थापक डॉ.मंजू छाबड़ा ने यह भी साफ कहा कि उनका पूरा प्रयास रहता है कि उनके आईवीएफ सेंटर से कोई भी दंपत्ति मायूस न लौटे…उधर अस्पताल परिसर में डॉ० अंजू छाबड़ा ने 100 वें सफल आई०वी०एफ० की लाभान्वित दम्पतियों को बधाई देते हुए कहा कि हमने समाज में नि:संतानता दंपत्तियों के नजरिये को बदलने की शुरुआत की थी,जिसमें हमें सफलता मिली है और हमें उन सभी परिवारों के बारे में सोचने पर संतुष्टि मिलती है,जिन्हें हमने अपने काम से प्रभावित किया है….आईवीएफ सेंटर की इस उपलब्धि पर द मेडिसिटी अस्पताल के निदेशक डॉ.दीपक छाबड़ा और राहुल चंद ने भी डॉ.अंजू छाबड़ा को शुभकामनाएं प्रेषित की है….

हम आपको बता दें कि रुद्रपुर के किच्छा रोड पर स्थित द मेडिसिटी हॉस्पिटल में संचालित होने वाले आईवीएफ सेंटर से इलाज लेकर अब तक 100 से अधिक दम्पती लाभान्वित हो चुके हैं….उधर अस्पताल में आईवीएफ तकनीक से लाभान्वित दम्पतियों ने आज अपने-अपने अनुभवों को भी साझा किया….हम आपको बता दें कि विज्ञान और मेडिकल चिकित्सा की उन्नति का नायाब उदाहरण है ‘इन विट्रो फर्टिलाइजेशन’ यानी आईवीएफ तकनीक….सन 1978 में इनफर्टिलिटी की दिशा में डॉक्टरों को बड़ी सफलता मिली थीं और उस साल पहला टेस्ट ट्यूब बेबी पैदा होने के बाद से अब तक दुनिया में इस तकनीक से 80 लाख से भी ज्यादा बच्चे पैदा हो चुके हैं….

(डॉ०अंजू छाबड़ा,IVF संस्थापक-द मेडिसिटी और स्त्री रोग विशेषज्ञ)
अकेले अमेरिका में 80 हजार बच्चे सालाना आईवीएफ से जन्म ले रहे हैं और भारत में बीते कुछ वर्षों में इस तकनीक का इस्तेमाल सालाना 20 फीसदी तेजी से बढ़ा है और यहां लगभग हर वर्ष दो-ढाई लाख आईवीएफ चक्रों को अंजाम दिया जा रहा है…दरअसल बदलती जीवनशैली,खराब खानपान और देरी से विवाह जैसे कुछ बड़े कारणों ने इनफर्टिलिटी को बढ़ाया है….वर्तमान समय में युवक-युवतियां शादी से पहले करियर को तवज्जो देते हैं,जिसके चलते शारीरिक क्षमताएं दांव पर लगी रहती हैं…ज्यादा उम्र में अंडाणु-शुक्राणु की संख्या और क्षमता कम हो जाती है और यही स्थिति इनफर्टिलिटी को जन्म देती है।

Pooran Rawat (Master of Mass Communication) In Associate with Shri Badri Kedar Media House
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Address : RH-61, Second Floor, Metropolis Mall, Nainital Road, Rudrapur (U.S.Nagar) Uttarakhand - 263153
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