जी हां,वर्तमान समय में एसडीएम किच्छा के पद पर तैनात PCS अधिकारी कौस्तुभ मिश्रा की गिनती उत्तराखंड की अच्छे अधिकारियों में होती है पर लगता है कि वर्तमान समय में एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत एसडीएम किच्छा को टारगेट किया जा रहा है…
दरअसल एक तरफ जहां किच्छा व्यापार मंडल के वर्तमान अध्यक्ष व्यापार मंडल के मतदाताओं की जांच करने और व्यापारियों के बने फर्जी वोट निरस्त करने की मांग करते हुए चुनाव पर रोक लगाने की मांग कर रहें है और तो और वर्तमान व्यापार मंडल अध्यक्ष का यह आरोप भी है कि किच्छा के मुख्य बाजार के व्यापारियों के अलावा एक षड्यंत्र के तहत यहां बरेली जनपद के बहेड़ी तक के व्यापारियों का नाम जोड़ दिया गया है,वहीं दूसरी तरफ किच्छा में व्यापार मंडल चुनाव कराने की मांग को लेकर स्थानीय विधायक अपने समर्थकों के साथ एसडीएम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए हैं…उधर कुछ लोगों द्वारा एसडीएम किच्छा पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने किच्छा व्यापार मंडल का चुनाव नहीं होने दिया पर इस पूरे मामले पर जब हमने सुनी सुनाई बातों पर न जाते हुए दस्तावेजों का अध्ययन किया तो पता चला कि हकीकत कुछ और ही है…अब जरा प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा 19 जुलाई को लिखे गए इस पत्र पर गौर फरमाइए और देखिए कैसे प्रदेश अध्यक्ष में उपनिबंधक फर्म्स सोसायटी एवं चिट्स हल्द्वानी को एक पत्र लिखा है,जिसमें उन्होंने अनुरोध किया है कि “संस्था के न्यायहित में उन्हें जरूरी दस्तावेजों के पत्राचार के लिए 10 दिन का समय देने की कृपा करें”
इसके अलावा आप उपनिबंधक फर्म्स सोसायटी एवं चिट्स हल्द्वानी द्वारा 20 जुलाई को किच्छा व्यापार मंडल द्वारा प्रस्तावित व्यापार मंडल चुनाव के संबंध में उप जिलाधिकारी को प्रेषित इस पत्र को भी देखिए जिसमें साफ तौर पर उपनिबंधक द्वारा सवाल खड़ा करते हुए लिखा गया है कि ” परन्तु उक्त जिला,नगर,कस्बा व अन्य इकाईयों के चुनाव के सन्दर्भ में “चुनाव संचालन समिति के गठन” एवं निर्वाचन से संबंधित चुनाव संचालन समिति द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया का कोई भी उल्लेख तथा संबधित नियम/उपनियम पंजीकृत निमयावली में अंकित नहीं है। आपके द्वारा प्रेषित पत्र में जिला महामंत्री की मोहर एवं हस्ताक्षर युक्त जिस नियमावली को संलग्न करके अधोहस्ताक्षरी कार्यालय में अपने पत्र के साथ भेजा गया है,उक्त सशोधन अधोहस्ताक्षरी कार्यालय में पंजीकृत नहीं है। सुलभ संदर्भ हेतु संस्था की पंजीकृत नियमावली की प्रति संलग्न कर भेजी जा रही है। ”
उधर उप जिलाधिकारी किच्छा कौस्तुभ मिश्रा ने किच्छा व्यापार मंडल के प्रस्तावित निर्वाचन में गतिरोध और व्यापार मंडल किच्छा के पदाधिकारी एवं उनके समर्थकों के बीच आपसी संघर्ष की संभावना और शांति व्यवस्था खराब होने की संभावना के मद्देनजर उपनिबंधक फर्म्स चिट्स समिति हल्द्वानी जारी किए गए पत्र में उल्लिखित निर्देश के आधार पर ही विवाद विहित प्राधिकारी द्वारा निस्तारण किए जाने तक कोई भी प्रस्तावित चुनाव से संबंधित कार्यवाही प्रस्तावित चुनाव के विवाद की स्थिति का निपटारा विहित प्राधिकारी द्वारा किए जाने के उपरांत ही करने के निर्देश जारी किए है ना कि चुनाव रोकने का कोई निर्देश एसडीएम के द्वारा जारी किया गया।
बावजूद इसके एसडीएम किच्छा को इस पूरे मामले में टारगेट किया जा रहा है…इन दस्तावेजों को देखकर आसानी से समझा जा सकता है कि एसडीएम किच्छा नियमानुसार अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे है पर लगता है कि कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए एसडीएम को दबाव में लेने के लिए एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत एसडीएम किच्छा के खिलाफ माहौल बना रहे हैं….बहरहाल कुल मिलाकर कहा जाए तो अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए एक PCS अधिकारी को बदनाम करना और अधिकारी के खिलाफ राजनीतिक लामबंदी को किसी भी प्रकार से सही नहीं ठहराया जा सकता और ऐसे में जनप्रतिनिधियों को भी अपनी मर्यादा में रहते हुए कार्य करना चाहिए क्योंकि सूचना क्रांति के इस दौर में अब पब्लिक सब जानती और सबको भली भांति पहचानती भी है।
रूद्रपुर:तो क्या व्यापार मंडल चुनाव के नाम पर SDM किच्छा को दबाव में लेने के लिए एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत किया जा रहा काम ?
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