POORAN RAWAT/EDITOR
रुद्रपुर के किच्छा रोड पर ग्राम बगवाड़ा के पास स्थित करोड़ों रुपए की लागत से बनने वाले इंडियन ऑयल के निर्माणाधीन ‘कंपनी ऑन्ड कंपनी ऑपरेटेड पेट्रोल पंप’ के भराई कार्य में मिट्टी के स्थान पर ठेकेदार द्वारा राख यानी फ्लाई ऐश का इस्तेमाल किया जा रहा है….इस पूरे मामले पर जब हमने हमने पेट्रोल पंप का निर्माण कार्य करने वाले शर्मा बिल्डर्स के मालिक प्रमोद कुमार शर्मा से बात की तो उन्होंने साफ कहा कि मिट्टी की अनुपलब्धता के कारण इंडियन ऑयल के अधिकारियों की सहमति के बाद राख से भी भराई कार्य किया गया है….साथ ही ठेकेदार ने यह भी बताया निर्माणाधीन पेट्रोल पंप और किच्छा रोड के मध्य स्थित भूखंड पर भी मिट्टी की अनुपलब्धता के कारण राख से ही भराई कार्य किया जाएगा….उधर इस पूरे मामले पर जब हमने इंडियन ऑयल देहरादून डिवीजन के वरिष्ठ अधिकारी विनोद फोनिया से बात की तो उन्होंने बताया कि अगर निर्माणाधीन पेट्रोल पंप पर ठेकेदार द्वारा औद्योगिक इस्तेमाल में लाई जाने वाली बालू की राख यानी सेंड ऐश का इस्तेमाल किया जा रहा है तो वह ठीक है….फिलहाल यह तो जांच का विषय है कि भराई कार्य में किस प्रकार की राख का इस्तेमाल किया गया है….
वहीं दूसरी तरफ जिला विकास प्राधिकरण में बिना नक्शा पास कराए प्रस्तावित कार्यस्थल पर निर्माण कार्य शुरू करने को लेकर जिला विकास प्राधिकरण द्वारा आरोपी संस्था के खिलाफ चालान काटकर अर्थदंड भी वसूला गया है….इस बात की पुष्टि जिला विकास प्राधिकरण के सचिव पंकज उपाध्याय ने भी की है साथ ही पंकज उपाध्याय ने यह भी बताया कि फिलहाल अभी तक फीस जमा ना होने के कारण इंडियन ऑयल के इस निर्माणाधीन कोको पेट्रोल पंप का नक्शा आवेदक को नहीं दिया गया है….यानी साफ है कि मौके पर वर्तमान समय में किसी भी प्रकार का कोई निर्माण कार्य नहीं हो सकता है….हम आपको बता दें कि एनएच-74 पर स्थित काशीपुर-सितारगंज फोरलेन सड़क चौड़ीकरण के कार्य करने वाली कार्यदाई संस्था को भराई कार्य के लिए स्थानीय स्तर पर ही पर्याप्त मात्रा में मिट्टी उपलब्ध हो गई थी….वहीं दूसरी तरफ एनएच-87 पर स्थित रामपुर-काठगोदाम फोरलेन सड़क चौड़ीकरण का कार्य करने वाली निर्माणाधीन कंपनी को भी पर्याप्त मात्रा में आस-पास के क्षेत्रों से ही मिट्टी उपलब्ध हो रही है….तो आखिरकार इस निर्माणाधीन कोको पेट्रोल पंप में कार्य करने वाले ठेकेदार को भराई कार्य के लिए मिट्टी क्यों नहीं उपलब्ध हो पा रही है ?
दरअसल जानकारों की माने तो मिट्टी की तुलना में राख काफी सस्ती होती है और कई फैक्ट्रियां तो फैक्ट्री परिसर से राख की खेप को हटाने के उद्देश्य से नि:शुल्क तौर पर भी राख मुहैया करवा देती हैं….अब बड़ा सवाल यह उठता है कि इस निर्माणाधीन पेट्रोल पंप पर काम करने वाले ठेकेदार के साथ भराई कार्य करने के लिए कंपनी ने मिट्टी का एग्रीमेंट किया है अथवा राख का ?….और अगर कंपनी के अधिकारियों की रजामंदी से ठेकेदार ने निर्माणाधीन पेट्रोल पंप के भराई कार्य में राख का इस्तेमाल किया है तो कंपनी प्रबंधन द्वारा ठेकेदार को राख के रेट के आधार पर भुगतान किया जाएगा अथवा मिट्टी के रेट के आधार पर ?…. बहरहाल हमारा उद्देश्य इस पूरे मामले को इंडियन ऑयल के उच्च अधिकारियों के समक्ष रखना है और अब देखना यह है कि इंडियन ऑयल के जिम्मेदार अधिकारी इस पूरे मामले की जांच के बाद क्या निर्णय लेते हैं ?