POORAN RAWAT/EDITOR
बीते 19 सितंबर की देर रात रुद्रपुर के एनएच-74 पर स्थित पाम ग्रीन बिल्डर के ऑफिस को जेसीबी मशीनों से ध्वस्त करवाने वाले शातिर अपराधियों ने पूर्व में मेरी हत्या की योजना बनाई थी….यह कहना है रुद्रपुर के भाजपा विधायक राजकुमार ठुकराल का…. साथ ही विधायक ने यह भी साफ कहा कि बिल्डर के ऑफिस को ध्वस्त करने वाले अपराधियों को रुद्रपुर के एक राजनीतिक व्यक्ति का संरक्षण प्राप्त है….विधायक ने यह भी कहा कि बिल्डर के ऑफिस को ध्वस्त करवाने वाले अपराधियों को जिन पूंजीपतियों ने फाइनेंस किया पुलिस को उन लोगों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए जो रुद्रपुर कोतवाली पुलिस नहीं कर रही है…
(इसी स्थान पर किया गया पाम ग्रीन बिल्डर के ऑफिस को ध्वस्त)
रुद्रपुर कोतवाली पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए ठुकराल ने कहा कि आखिरकार पुलिस वारदात को अंजाम देने वाले अपराधियों पर डकैती की धाराएं क्यों नहीं लगा रही है और वादी द्वारा मौके पर से मलवा हटाने वाले डंफरो का नंबर देने के बावजूद भी पुलिस ने आज तक डंपर मालिक अथवा चालकों से इस पूरे मामले को लेकर पूछताछ क्यों नहीं की….विधायक ने पुलिस पर निशाना साधते हुए यह भी साफ कहा कि अगर इस पूरे मामले की पुलिस को निष्पक्ष जांच करनी है तो पुलिस क्यों नहीं बिल्डर के ऑफिस को गिराने वाले अपराधियों और मुकदमे में नामजद व्यक्तियों की कॉल डिटेल निकाल रही है….विधायक ने कहा कि रुद्रपुर का एक राजनेता इस पूरे मामले में गिरफ्तार हुए शातिर अपराधी अवतार सिंह तारु और साहब सिंह को हल्द्वानी उप कारागार में स्थित बैरक नंबर 7 में रुकवाने के लिए जेल अधिकारियों पर लगातार दबाव बनवा रहा है….
(राजकुमार ठुकराल,भाजपा विधायक,रुद्रपुर)
विधायक ने पुलिस अधिकारियों को यह भी चेतावनी देते हुए साफ कहा कि इस पूरी वारदात को अंजाम देने वाले अपराधियों की मदद करने वाले पुलिस अधिकारी यह समझ ले कि जो भी इन अपराधियों को शरण देता है बाद में यह शातिर अपराधी उनकी भी हत्या कर देते हैं….विधायक ने बताया कि इस पूरे मामले में गिरफ्तार किए गए शातिर अपराधी अवतार सिंह तारु ने पूर्व में प्रॉपर्टी के विवाद में अपने ही एक खास मित्र एवं पूर्व प्रधान की हत्या करवा दी थी,इसलिए वह पुलिस अधिकारी बिल्कुल सचेत रहें जो मोटी रिश्वत लेकर इनकी मदद कर रहे हैं नहीं तो समय आने पर यह अपराधी उन पुलिस अधिकारियों को भी निशाना बनाने से पीछे नहीं हटेंगे….विधायक ने यह भी साफ कहा कि देवभूमि के माहौल को वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश के अपराधी अशांत करना चाहते हैं जो वह किसी भी कीमत पर होने नहीं देंगे…..
(राजकुमार ठुकराल,भाजपा विधायक,रुद्रपुर)
गौरतलब है कि इस पूरे मामले को लेकर बीते दिनों रुद्रपुर के भाजपा विधायक राजकुमार ठुकराल ने साफ कहा था कि रुद्रपुर के 2 पुलिस अधिकारियों ने पाम ग्रीन बिल्डर के ऑफिस को ध्वस्त करवाने में मोटी रिश्वत लेकर अपराधियों की पूरी मदद की भी…. भाजपा विधायक के इस बयान के बाद राजनैतिक और सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया था….जिसके बाद दबाव में आकर पुलिस ने पूरी वारदात को अंजाम देने के मुख्य आरोपी शातिर बदमाश अवतार सिंह और उसकी मदद करने वाले छतरपुर के स्थानीय बदमाश साहब सिंह को गिरफ्तार कर जेल दिया था….
(पुलिस की गिरफ्त में शातिर अपराधी अवतार सिंह तारु और साहब सिंह)
इस पूरे मामले में वादी पक्ष की तहरीर के आधार पर रुद्रपुर कोतवाली में पुलिस ने रामपुर के हिस्ट्रीशीटर अपराधी अवतार सिंह तारू,किरतपुर निवासी वीरेंद्र सिंह,ऐश फर्नीचर रुद्रपुर के मालिक विजय कुमार गाबा,नैनीताल मोटर्स के मालिक भूपेश अग्रवाल,भूपेश अग्रवाल के ताऊ रोहतास अग्रवाल और उनके बेटे एवं स्वास्तिक मिनरल इंडस्ट्री के मालिक विनय अग्रवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 457,380,427,342, 354, 504,506,120 बी के तहत रुद्रपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया था….पर इस पूरे मामले में नामजद पांच अन्य आरोपियों को पुलिस आज तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है….
(वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुमित हृदयेश के साथ लाला रोहतास अग्रवाल और विनय अग्रवाल)
उधर इस पूरे मामले पर जब पुलिस अधिकारियों से बात की जाती है तो वो बस एक बात कहते हैं कि नामजद आरोपियों के गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है पर आरोपी उन्हें नहीं मिल रहे हैं….चलिए अगर पुलिस की ही बात मान ली जाए तो पुलिस को बार-बार दबिश देने पर भी अगर पांच अन्य नामजद आरोपी नहीं मिल रहे हैं तो आज तक पुलिस ने पांच अन्य नामजद आरोपियों के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट प्राप्त करने के लिए आवेदन क्यों नहीं किया….दरअसल इस पूरे मामले में रुद्रपुर कोतवाली पुलिस की भूमिका समझ से परे है और लगता है कि इस पूरे मामले की जांच में अवतार सिंह और साहब सिंह को जेल भेजने के बाद पुलिस ने ब्रेक लगा दिया है….
(भूपेश अग्रवाल,नैनीताल मोटर्स और नेक्सा शोरूम के मालिक)
उधर सूत्रों की मानें तो इस पूरे मामले की जांच करने वाले इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर मामले के नामजद आरोपी रोहतास अग्रवाल से मिलने हल्द्वानी गए थे और कुछ पूछताछ कर वापस लौट गए….अब सवाल यह उठता है कि जब पुलिस को इस पूरे मामले में नामजद किए गए आरोपी से पूछताछ करनी थी तो उन्होंने नामजद आरोपी को कोतवाली तलब करने की जगह खुद उनके यहां जाकर बयान दर्ज करने की इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर को क्या जरूरत है ?….
(विजय कुमार गाबा,ऐश फर्नीचर रुद्रपुर के मालिक)
दरअसल इस पूरे मामले में खुद पर मुकदमा दर्ज होने के बाद हल्द्वानी के जाने-माने नामी व्यवसायी लाला रोहतास अग्रवाल गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट की शरण में भी पहुंचे थे….जहां हाईकोर्ट ने इस बेहद गंभीर मामले में लाला रोहतास अग्रवाल को कोई राहत नहीं दी और रोहतास अग्रवाल के याचिका को खारिज कर दिया था….इस पूरे मामले को देखकर अब सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि आखिरकार जब हाईकोर्ट ने भी आरोपियों को इस पूरे मामले में कोई राहत नहीं दी है तो आखिरकार रुद्रपुर कोतवाली पुलिस इस पूरे मामले में नामजद आरोपी पूंजीपतियों पर मेहरबान क्यों है ?