POORAN RAWAT/EDITOR
रुद्रपुर के कालीनगर-दिनेशपुर रोड पर स्थित नेतानगर में इंडियन ऑयल पेट्रोल पंप के नजदीक इन दिनों एक निहायत ही शातिर कॉलोनाइजर लगभग 10 एकड़ कृषि भूमि पर धड़ल्ले से एक अवैध कॉलोनी का निर्माण कर रहा है पर नेतानगर में एकदम सड़क किनारे विकसित हो रही इस अवैध कॉलोनी को लगता है जिला विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने अपना विशेष आशीर्वाद दिया हुआ है….सूत्रों की मानें तो इस अवैध कॉलोनी का निर्माण करने वाला कॉलोनाइजर रुद्रपुर के ओमेक्स कॉलोनी में रहता है और पटवारी,प्रशासन,पत्रकारों के साथ-साथ विकास प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों तक को साधने के बड़े-बड़े दावे भी करता दिखाई देता है….
गाहे-बगाहे मौका पड़ने पर यह कॉलोनाइजर जिला विकास प्राधिकरण के सचिव और उपाध्यक्ष को अपना रिश्तेदार बताने से भी नहीं चूकता है….मजे की बात तो देखिए इस अवैध कॉलोनी में विद्युत विभाग ने पोल और बिजली के कनेक्शन भी लगवा दिए है….उधर सूत्रों की माने तो रुद्रपुर के जयनगर और नेतानगर में रहने वाले भोले-भाले स्थानीय किसानों को थोड़े समय में ही लाखों रुपए कमाने का लालच देकर पहले तो आरोपी कॉलोनाइजर अपने झांसे में फंसा लेता है और बाद में किसानों की भूमि में अपनी 20% की हिस्सेदारी तय कर किसानों की कृषि भूमि पर धड़ल्ले से अवैध कॉलोनी का निर्माण करवा देता है….
और तो और नेतानगर के स्थानीय पटवारी और विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को भी इस जालसाज कॉलोनाइजर की सारी हकीकत पता है पर बावजूद इसके ना तो अभी तक स्थानीय पटवारी ने तहसील प्रशासन को यह रिपोर्ट सौंपी है कि मौके पर कृषि भूमि पर सरकार को राजस्व का चूना लगाकर एक बड़ी अवैध कॉलोनी का निर्माण हो चुका है और ना ही जिला विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने अभी तक इस अवैध कॉलोनी के खिलाफ कोई कार्रवाई की है….
दरअसल कृषि भूमि पर अवैध रूप से विकसित होने वाली ऐसी कॉलोनियों में पर्वती जनपदों से आने वाले सीधे-साधे लोग पहले तो प्लॉट तो खरीद लेते हैं पर बाद में ना तो खरीदे गए प्लॉट पर उन्हें बैंक से लोन मिलता है और ना ही विकास प्राधिकरण मकान बनाने के लिए उनका नक्शा पास करता है….
वैसे तो इन दिनों बिना नक्शा पास कराए रूद्रपुर के गली मोहल्लों में छोटी-छोटी दुकान और अपना-अपना मकान बनाने वाले साधारण लोगों को विकास प्राधिकरण एक के बाद एक धड़ल्ले से नोटिस जारी कर रहा है पर ना जाने क्यों कृषि भूमि पर विकसित हो रही इस अवैध कॉलोनी पर कार्रवाई करने के मामले पर प्राधिकरण के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं….अब देखना यह है कि इस पूरे मामले के खुलासे के बाद जिला विकास प्राधिकरण के उच्च पदों पर आसीन अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं?