राज्य सरकार ने बीते दिनों जहां एक तरफ प्रदेश में वृक्षों के संरक्षण के उद्देश्य से सूबे के सभी जनपदों में बड़े ही धूमधाम से हरेला का पर्व मनाया था,वहीं दूसरी तरफ रुद्रपुर शहर के बीचों-बीच स्थित सिंचाई विभाग के कार्यालय परिसर में लगे वर्षों पुराने हरे-भरे सेमल और यूकेलिप्टस के लगभग 220 वृक्षों को सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने कटवा डाले….हालांकि वृक्षों के कटान से सिंचाई विभाग को लगभग 38 लाख रुपए की आय हुई है पर वर्षों पुराने हरे-भरे 220 वृक्षों को काटने से शुद्ध ऑक्सीजन कितने प्रतिशत कम हो जाएगी,शायद इसका आकलन शायद सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने नहीं किया होगा….
दरअसल रुद्रपुर शहर के बीचो बीच सिंचाई विभाग की कई एकड़ बेशकीमती भूमि पर वर्षों से मौजूद गगनचुंबी हरे-भरे यूकेलिप्टस और सेमल के पेड़ों से शहर के लोगों को शुद्ध ऑक्सीजन के रूप में काफी राहत मिलती थी और यही कारण था कि रुद्रपुर सिंचाई विभाग का गेस्ट हाउस किसी जमाने में मंत्रियों,विधायकों और वीआइपी लोगों के ठहरने के लिए जिले का सबसे पसंदीदा गेस्ट हाउस हुआ करता था पर वर्तमान समय में जिस तरीके से सिंचाई विभाग कार्यालय और गेस्ट हाउस परिसर से नियमों को ताक पर रखकर 220 हरे-भरे पेड़ काट दिए गए उसे देख कर तो ऐसा लगता है कि अगर ऐसे ही हालात रहे तो जल्द ही सिंचाई विभाग कार्यालय परिसर में मौजूद अन्य हरे-भरे पेड़ों का अस्तित्व भी खत्म हो जाएगा।
उधर इस पूरे मामले पर जब हमने सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता दीक्षांत से बात की तो उनका यह कहना था कि सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस और कार्यालय परिसर में कुछ पेड़ खतरनाक स्थिति में मौजूद थे जिस कारण परिसर में मौजूद भवनों को खतरा पैदा हो रहा था,इसलिए उनके द्वारा नियमानुसार 220 पेड़ों को कटवा दिया गया है पर सवाल यह उठता है कि सिंचाई विभाग परिसर में मौजूद 1,2,3 अथवा 4 पेड़ों से किसी भवन को तो खतरा पैदा हो सकता है पर क्या 220 पेड़ों से परिसर में मौजूद भवनों को खतरा पैदा हो गया था ?
बहरहाल इस पूरे मामले को देखकर ऐसा लगता है कि बीते 2 वर्षों में कोरोना की महामारी के दौरान जिस तरीके से ऑक्सीजन के लिए पूरे देश के साथ ही प्रदेश में भी हाहाकार मचा हुआ था,उसे देख कर भी अभी तक लोगों को ऑक्सीजन की अहमियत का एहसास नहीं हुआ है तभी तो शहर के बीचो-बीच लगे 220 पेड़ों को कटवाने से पूर्व सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने सिंचाई विभाग के आला अधिकारियों को भी विश्वास में लेने की जहमत नहीं उठाई….
कुल मिलाकर अब देखना यह होगा कि 220 हरे-भरे पेड़ों के कटान के इस पूरे मामले का सिंचाई विभाग के आला अधिकारी और राज्य के सिंचाई मंत्री का कितना संज्ञान लेते हैं।
ऊधमसिंहनगर:जानिए किस अधिशासी अभियंता ने कटवा डाले वर्षों पुराने हरे-भरे 200 से अधिक यूकेलिप्टस और सेमल के पेड़
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