रुद्रपुर के नैनीताल रोड पर स्थित पंडित राम सुमेर शुक्ल राजकीय मेडिकल कॉलेज के निर्माणाधीन हॉस्टल का निर्माण कार्य करने वाले JRA इंफ्राटेक कंपनी को ब्लैक लिस्ट किए जाने के बाद से कैसे निर्माणाधीन हॉस्टल परिसर से JRA इंफ्राटेक का सबकॉन्ट्रैक्टर बड़े पैमाने पर सरिया चोरी की वारदात को अंजाम दे रहा था,इस बात का खुलासा हमने बीते 13 सितंबर को कर दिया था….हमने आपको दिखाया था कि कैसे कुछ लोग निर्माणाधीन हॉस्टल परिसर में दिनदहाड़े आधा दर्जन से अधिक गैस कटर और जनरेटर के द्वारा बेखौफ होकर लोग सरकारी संपत्ति पर मौजूद आरसीसी पिलर्स से सरिया काटने का काम कर रहे थे….
इस पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए मेडिकल कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य ने चोरी की वारदात को अंजाम देने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए बीते 13 सितंबर को ही पुलिस तहरीर सौंप दी थी पर मजे की बात देखें,इस पूरी वारदात के 48 घंटे बाद भी अभी तक पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा तक दर्ज नहीं किया है,जबकि चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले लोग कैमरे में कैद हो चुके हैं…..
हम आपको बता दें कि तराई में बसे जनपद ऊधमसिंहनगर में रुद्रपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज का नाम राज्य सरकार ने तराई के संस्थापक एवं महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित राम सुमेर शुक्ल के नाम पर रखा है और पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता राजेश शुक्ला पंडित राम सुमेर शुक्ल के छोटे पुत्र हैं….राजेश शुक्ला के अथक प्रयासों से ही रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए भारत सरकार के साथ ही राज्य सरकार ने लगभग 350 करोड़ रुपए का बजट जारी किया था….
(स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित राम सुमेर शुक्ल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते उनके पुत्र पूर्व विधायक राजेश शुक्ला,विधायक शिव अरोड़ा और CM पुष्कर सिंह धामी)
राजेश शुक्ला के अनुसार रुद्रपुर के निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का काम राज्य सरकार ने पहले EPI यानी इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स इंडिया लिमिटेड को दिया था और अब इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स इंडिया लिमिटेड के कार्यों से असंतुष्ट होकर सरकार ने मेडिकल कॉलेज के निर्माणाधीन छात्रावास का काम सीपीडब्ल्यूडी को दे दिया है,उधर सरकार द्वारा काम छीने जाने से पहले इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट इंडिया लिमिटेड ने निर्माणाधीन छात्रावास का काम टेंडर के आधार पर JRA इंफ्राटेक को दिया था और बाद में राज्य सरकार ने निर्माण कार्यों पर असंतोष जाहिर करने के साथ ही पर्याप्त लीगल दस्तावेज ना होने के कारण JRA इंफ्राटेक को ब्लैक लिस्ट कर दिया था….
दरअसल इंजीनियर प्रोडक्ट इंडिया लिमिटेड ने जब JRA इंफ्राटेक को टेंडर के आधार पर छात्रावास के निर्माण का कार्य सौंपा तो JRA इंफ्राटेक कंपनी ने जिले के चार ठेकेदारों को सबकॉन्ट्रैक्टर के तौर पर कार्य सौंप दिया पर जब राज्य सरकार ने JRA इंफ्राटेक को ब्लैकलिस्ट किया तो JRA इंफ्राटेक के मालिक और कंपनी के लोग यहां से फरार हो गए,जिसके बाद कंपनी के सबकॉन्ट्रैक्टर ने अपने बकाया भुगतान के लिए कई बार JRA इंफ्राटेक के मालिक नीरज चौबे से संपर्क स्थापित करने की कोशिश की पर नीरज चौबे ने उनकी एक न सुनी,जिसके बाद बीते 27 और 28 जुलाई को चारों सबकॉन्ट्रैक्टर ने JRA इंफ्राटेक के मालिक नीरज चौबे के खिलाफ पंतनगर थाने में मुकदमा संख्या 151/22,153/22,154/22 और 155/22 के तहत मुकदमा दर्ज करवा दिया था…..
अब यहां तक तो सब ठीक था पर सबकॉन्ट्रैक्टर को अब किसी तरह से अपनी लागत मूल्य को वसूलना था,लिहाजा पहले तो मौके से JRA इंफ्राटेक के साजो सामान को धीरे धीरे साफ कर दिया गया और जब इतने से भी सबकॉन्ट्रैक्टर का मन नहीं भरा तो राज्य सरकार की भूमि पर बनी सरकार की संपत्ति को क्षति पहुंचाते हुए मोटे-मोटे आरसीसी पिलर्स में मौजूद लाखों रुपए के सरियों को युद्ध स्तर पर काटने का काम शुरू हो गया और बाकायदा इसके लिए मौके पर 6-6 गैस कटर,गैस सिलेंडर और जनरेटर के साथ कई लोगों को रात-दिन लगाया गया….जब हमने इस पूरे मामले का खुलासा किया तो हमारी खबर का संज्ञान लेते हुए मेडिकल कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य ने बीते 13 सितंबर को ही सिडकुल पुलिस चौकी में निर्माणाधीन छात्रावास से सरिया चोरी की वारदात को अंजाम देने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए पुलिस को तहरीर सौंप दी थी पर बावजूद इसके अभी तक इस पूरे मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है….
उधर इस पूरे मामले पर एक सबकॉन्ट्रैक्टर का यह कहना था कि उनके पास मौके से सरिया काटने के आदेश की कॉपी है,जो उन्हें JRA इंफ्राटेक और EPI के अधिकारियों ने दी है पर वो आदेश की कॉपी दिखा नहीं सके….अब सवाल ये उठता है कि जब राज्य सरकार ने EPI के साथ-साथ JRA इंफ्राटेक से निर्माणाधीन छात्रावास का काम छीन लिया है तो वो कैसे किसी को सरकारी भूमि पर मौजूद सामग्री को हटाने के निर्देश जारी कर सकते हैं ?
सवाल यह भी उठता है कि इस पूरे मामले पर पुलिस तहरीर मिलने के बाद भी मौके पर चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज क्यों नहीं कर रही है,जबकि राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने इस पूरे मामले को लेकर पुलिस को बीते 13 सितंबर को ही तहरीर सौंप दी थी ?
उधर सूत्रों की माने तो इस पूरे मामले में सरिया चोरी की वारदात को अंजाम देने वाला एक सबकॉन्ट्रैक्टर बीते कई दिनों से एक सरकारी अधिकारी के संपर्क में था और अगर उस सबकॉन्ट्रैक्टर के फोन की बीते 15 दिनों की कॉल डिटेल निकल दी जाए तो इस पूरे मामले में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा….इस पूरे मामले को देखकर एक बात तो बिल्कुल साफ है कि जिस तरीके से दिनदहाड़े एसएसपी और जिलाधिकारी कार्यालय के साथ ही पुलिस लाइन से लगे हुए मेडिकल कॉलेज के निर्माणाधीन छात्रावास परिसर से दिनदहाड़े बकायदा गैस कटर का इस्तेमाल कर लाखों रुपए की सरिया काटने के कार्य को अंजाम दिया जा रहा था वो बिना किसी संरक्षण के तो हो ही नहीं सकता….
इस पूरे मामले में जिस तरीके से सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा कर मौके से चोर सरिया काट रहे थे उसे देख कर तो ऐसा लगता है कि सरकारी संपत्ति को लुटने कि इन्हें खुली छूट मिली हुई थी….एक तरफ जहां केवल एक पटवारी की तहरीर पर पुलिस बड़े-बड़े स्टोन क्रेशर मालिकों और बड़े-बड़े खनन कारोबारियों पर तत्काल मुकदमा दर्ज कर देती है,वहीं दूसरी तरफ लाखों रुपए की सरकारी संपत्ति की चोरी के इस पूरे मामले में पुलिस ने वरिष्ठ चिकित्सक एवं मेडिकल कॉलेज के प्रचार से मिली तहरीर के बाद भी आज तक आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया है,जो निश्चित तौर पर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े करता है…..
बावजूद इसके इस पूरे मामले को पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता राजेश शुक्ला लगातार उठा रहे हैं और उनका यह साफ कहना है कि इस पूरे मामले में जब तक आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं हो जाती तब तक वो चुप नहीं बैठेंगे,साथ ही राजेश शुक्ला ने ये भी साफ कहा कि जल्द ही वो इस पूरे मामले से मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत तौर भी अवगत कराएंगे और किसी भी हाल में सरकारी संपत्ति को क्षतिग्रस्त कर चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
**ऊधमसिंहनगर:रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज के निर्माणाधीन हॉस्टल परिसर से हुई लाखों की सरिया चोरी का मामला,प्राचार्य की तहरीर पर भी पुलिस ने दर्ज नहीं किया मुकदमा**
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