रुद्रपुर के नैनीताल रोड पर स्थित पंडित राम सुमेर शुक्ल राजकीय मेडिकल कॉलेज के निर्माणाधीन हॉस्टल परिसर से हुई लाखों रुपए के सरिया चोरी के मामले में अभी तक जिला पुलिस के हाथ खाली है….दरअसल बीते 13 सितंबर को हमने आपको दिखाया था कि कैसे कुछ लोग निर्माणाधीन हॉस्टल परिसर में दिनदहाड़े आधा दर्जन से अधिक गैस कटर और जनरेटर के द्वारा बेखौफ होकर दिनदहाड़े सरकारी संपत्ति पर मौजूद आरसीसी पिलर्स से सरिया काटने का काम कर रहे थे….इस पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए मेडिकल कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य ने चोरी की वारदात को अंजाम देने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए बीते 13 सितंबर को ही पंतनगर पुलिस तहरीर सौंप दी थी पर मजे की बात देखें,इस पूरी वारदात के 5 दिनों के बाद भी पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा तक दर्ज नहीं किया है, जबकि चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले लोग कैमरे में कैद हो चुके हैं…..
दरअसल राज्य सरकार ने रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज के निर्माणाधीन छात्रावास के निर्माण की जिम्मेदारी इंजीनियर प्रोजेक्ट्स इंडिया लिमिटेड (EPI) को दी है और इंजीनियर प्रोजेक्ट्स इंडिया लिमिटेड ने जब JRA इंफ्राटेक को टेंडर के आधार पर छात्रावास के निर्माण का कार्य सौंपा तो JRA इंफ्राटेक कंपनी ने जिले के चार ठेकेदारों को सबकॉन्ट्रैक्टर के तौर पर कार्य सौंप दिया पर जब EPI ने JRA इंफ्राटेक को बीते 31 मई को इस कार्य से टर्मिनेट कर दिया तो EPI के निर्णय के खिलाफ JRA इंफ्राटेक कंपनी दिल्ली हाईकोर्ट की शरण में चली गई….उधर JRA इंफ्राटेक के उच्च अधिकारियों के अनुसार JRA इंफ्राटेक कंपनी से जब EPI ने काम वापस ले लिया,तो बीते 31 मई को नियमानुसार निर्माणाधीन साइट स्वत ही EPI के नियंत्रण में आ गई थी, क्योंकि बीते 5 जून को EPI और JRA इन्फोटेक कंपनी ने निर्माणाधीन साइट का जॉइंट मेजरमेंट भी कर लिया था,जिसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई थी और वो इसलिए किया गया था,क्योंकि EPI को JRA इंफ्राटेक कंपनी से काम वापस लेना था और कुल कार्य के अनुरूप JRA infra-tech को भुगतान करना था,लिहाजा EPI ने जॉइंट मेजरमेंट करवा लिया था….
इस पूरे मामले पर JRA इंफ्राटेक कंपनी के अधिकारियों का यह भी कहना है कि जब उन्होंने काम बंद किया तो मौके पर बची हुई अपनी निर्माण सामग्री की सुरक्षा के लिए उन्होंने स्टोर मैनेजर रणधीर सिंह और स्टोरकीपर रवि सिंह राजपूत को तैनात कर दिया था….उधर JRA इंफ्राटेक ने जब अपने अधीन काम करने वाले सबकॉन्ट्रैक्टरों का समय पर भुगतान नहीं किया तो सबकॉन्ट्रैक्टरों ने भुगतान के लिए कई बार JRA इंफ्राटेक के मालिक नीरज चौबे से संपर्क स्थापित किया जिसके बाद उन्हें जवाब मिला कि जब कंपनी को EPI से उनका बकाया भुगतान मिल जाएगा तो उन्हें भी उनका बकाया भुगतान मिल जाएगा पर इस बात से सबकॉन्ट्रैक्टर संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने बीते 27 और 28 जुलाई को JRA इंफ्राटेक के मालिक नीरज चौबे के खिलाफ पंतनगर थाने में मुकदमा संख्या 151/22,153/22, 154/22 और 155/22 के तहत कुल 4 मुकदमे दर्ज करवा दिए…..
इस पूरे मामले पर JRA इंफ्राटेक के उच्च अधिकारियों का यह कहना है कि एक तरफ तो सबकॉन्ट्रैक्टरों ने उनके ऊपर मुकदमा दर्ज करा दिया,वहीं दूसरी तरफ निर्माणाधीन हॉस्टल परिसर की साइड से उनके लाखों रुपए का सामान चोरी होता रहा,जिसके बाद कंपनी के निर्देश पर उनके कर्मचारी दो बार सिडकुल चौकी इंचार्ज से मिले पर चौकी इंचार्ज ने कंपनी के कर्मचारियों को चौकी से भगा दिया,लिहाजा जब पुलिस से कंपनी को न्याय नहीं मिला तो उन्होंने सीएम पोर्टल पर इस पूरे मामले की शिकायत की पर सीएम पोर्टल पर शिकायत के बावजूद उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ और निर्माणाधीन साइट पर चोरी होती रही….तकनीकी विशेषज्ञों की मानें तो जिस तरीके से हॉस्टल के निर्माणाधीन स्थल पर बड़े-बड़े कंक्रीट के पिलर्स के सरिया काटे गए हैं उसके बाद अब निर्माणाधीन स्थल पर बन रहे पिलर्स के ऊपर दूसरे पिलर को बनाने में ओवरलैपिंग की समस्या आएगी,क्योंकि सरिया काटने के बाद ओवरलैपिंग कम हो गई है लिहाजा मौके पर आरसीसी के सभी कॉलम को तोड़कर अब दूसरे कॉलम खड़े करने पड़ सकते हैं….
इस पूरे मामले में एक बात और सामने आई है कि जब निर्माणाधीन हॉस्पिटल परिसर में JRA इंफ्राटेक कंपनी ने काम शुरू किया तो निर्माण स्थल पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए थे पर वर्तमान समय में मौके पर कोई सीसीटीवी कैमरा मौजूद नहीं है,यानी साफ है कि चोरी की वारदात को अंजाम देने से पहले मौके से सीसीटीवी कैमरे भी हटा दिए गए थे…..JRA इंफ्राटेक के अधिकारियों के अनुसार मौके से केवल कई कुंटल सरिया चोरी नहीं हुए हैं बल्कि मौके से दो ट्रक सीमेंट जिनकी कीमत लगभग 10 लाख रुपए थी और 40 लाख रुपए की मोरंग गिट्टी को भी चोरों ने चोरी कर लिया गया है,इसके अलावा मौके से कई वेल्डिंग मशीन और पानी की कई मोटर भी चोरी हो चुकी है….कुल मिलाकर जिस तरीके से रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज के निर्माणाधीन छात्रावास का निर्माण कार्य चल रहा है उसे देख कर तो ऐसा लगता है कि निर्धारित समय पर निर्माणाधीन छात्रावास का कार्य गुणवत्ता के साथ संपन्न होना तो फिलहाल असंभव है….
मेडिकल कॉलेज के निर्माणाधीन छात्रावास से जिस तरह से इतनी बड़ी चोरी हुई उसे देखकर सवाल खड़े होते हैं कि जब EPI ने बीते 5 जून को JRA इंफ्राटेक के साथ मिलकर निर्माणाधीन साइड का जॉइंट मेजरमेंट कर लिया था और 31 मई को JRA इंफ्राटेक को कार्य से टर्मिनेट कर दिया था तो अब इस पूरे मामले पर EPI के अधिकारी चुप्पी क्यों साधे हुए हैं,जबकि नियमानुसार वर्तमान समय में EPI के नियंत्रण में ही निर्माणाधीन हॉस्टल की साइट है ?
EPI के उच्च अधिकारियों को यह भी बताना चाहिए कि अगर मौके पर जॉइंट मेज़रमेंट होने के बाद उनकी सहमति के बिना सबकॉन्ट्रैक्टर कंक्रीट के पिलर्स से सरिया कटवा रहे थे तो इस पूरे मामले में EPI ने मुकदमा दर्ज क्यों नहीं करवाया ?
अगर सबकॉन्ट्रैक्टर को आरसीसी पिलर्स से सरिया काटने की अनुमति EPI ने दी है तो वो पुलिस को अनुमति पत्र क्यों नहीं दिखा रहे हैं ?
सवाल यह भी खड़ा होता है कि जब मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने पुलिस को इस पूरे मामले में मुकदमा दर्ज करने की तहरीर बीते 13 सितंबर को ही सौंप दी थी,तो आखिरकार पुलिस इस पूरे मामले में मुकदमा दर्ज क्यों नहीं कर रही है ?
सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि क्या पुलिस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को कुछ नहीं समझ रही है ?
कुल मिलाकर इस पूरे मामले में एक बात तो साफ है कि EPI और JRA इंफ्राटेक के बीच विवाद पैदा होने के बाद से जिस तरीके से हॉस्टल के निर्माणाधीन साइट से लगातार लाखों रुपए के सरिया और अन्य उपकरणों की चोरी हुई है वो किसी भी दशा में राज्य हित में नहीं है….असल में लाखों रुपए की सरिया चोरी के इस पूरे मामले में केवल और केवल राज्य सरकार की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है ना कि EPI को कोई नुकसान हो रहा है और ना ही JRA इंफ्राटेक को….लिहाजा राज्य और जनहित से जुड़े इस बेहद गंभीर मामले को राज्य के हुक्मरानों को भी काफी गंभीरता से लेना चाहिए,क्योंकि जनता के खून पसीने की गाढ़ी कमाई से दिए जाने वाले TAX के द्वारा ही ऐसे बड़े-बड़े मेडिकल कॉलेज का निर्माण होता है ना कि किसी धन कुबेर की तिजोरी से मिलने वाले काले धन से ऐसे मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य हो रहा है।
**ऊधमसिंहनगर:रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज के निर्माणाधीन हॉस्टल परिसर से हुई लाखों की सरिया चोरी का मामला,जिला पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे कई गंभीर सवाल**
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