गम और आक्रोश के बीच आखिरकार आज देर शाम श्रीनगर के एनआईटी घाट पर भारी पुलिस बल की मौजूदगी में देवभूमि की बेटी अंकिता का अंतिम संस्कार कर दिया गया….अंकिता के भाई ने अंकिता के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी इस दौरान मौके पर डीआईजी और आयुक्त गढ़वाल के साथ ही पौड़ी जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान,जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे और स्थानीय पुलिस-प्रशासन के कई अधिकारियों के साथ ही हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे….
अंकिता के अंतिम संस्कार से पूर्व लगातार यह खबर आ रही थी कि अंकिता के परिजन अंकिता का अंतिम संस्कार करने से मना कर रहे हैं,जिसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अंकिता के पिता से फोन पर बात की और अंकिता हत्याकांड के सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई का अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी को आश्वासन दिया,जिसके बाद आखिरकार अंकिता के पिता मान गए….
अंकिता के अंतिम संस्कार से पूर्व आज पौड़ी जिले के श्रीनगर में सिर्फ एक ही आवाज गूंजती रही “अंकिता हम शर्मिंदा हैं तेरे कातिल जिंदा है” हम आपको बता दें कि अंकिता भंडारी की हत्या के बाद से पूरे प्रदेश में शोक और आक्रोश का माहौल है….हम आपको बता दें कि अंकिता हत्याकांड में हरिद्वार के भाजपा नेता विनोद आर्य के पुत्र पुलकित आर्य की गिरफ्तारी के बाद से ही आक्रोशित लोगों के समक्ष जाने की हिम्मत राज्य की सत्ताधारी पार्टी के भाजपा नेता भी नहीं जुटा पा रहे हैं और यही कारण रहा कि आज श्रीनगर में अंकिता के अंतिम संस्कार के दौरान मौके पर भाजपा का कोई बड़ा नेता मौजूद नहीं था….
इसे उत्तराखंड का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि बेटी दिवस के अवसर पर आज हजारों की संख्या में लोग श्रीनगर के एनआईटी घाट पर नम आंखों से अंकिता को अंतिम विदाई दे रहे थे….अंकिता हत्याकांड के आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग को लेकर जिस तरह से आज उत्तराखंड के श्रीनगर में हजारों की संख्या में आक्रोशित लोगों ने घंटों सड़क पर भूखे-प्यासे रह कर आंदोलन किया उसे देख कर तो ऐसा लगता है कि लोग अंकिता हत्याकांड को ताउम्र नहीं भूल सकेंगे….
उधर अंकिता की हत्या के बाद पूरे प्रदेश में शोक और आक्रोश के मद्देनजर राज्य सरकार इस पूरे मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए इस पूरे मामले में अब हर कदम फूंक-फूंक कर रख रही है और अंकिता के हत्यारों को फांसी दिलाने के लिए राज्य सरकार ने अंकिता हत्याकांड की एसआईटी जांच की कमान राज्य की वरिष्ठ महिला पुलिस अधिकारी डीआईजी पी रेणुका देवी को सौंपी दी है….ईमानदार छवि के पुलिस अधिकारी पी रेणुका देवी ने इस पूरे मामले की गहन जांच भी शुरू कर दी है….
हम आपको बता दें कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में गिरफ्तार किए गए आरोपियों को जब पुलिस कोटद्वार लेकर पहुंची तो मौके पर मौजूद सैकड़ों की संख्या में आक्रोशित लोगों ने हत्या आरोपियों को नंगा कर जमकर पीटा वो तो गनीमत मानिए कि पुलिस ने आरोपियों को बचाने के लिए मौके पर जान जोखिम में डालकर आरोपियों को बलपूर्वक बचा लिया,नहीं तो अंकिता को एक्स्ट्रा सर्विस देने के लिए बाध्य करने वाले भाजपा नेता विनोद आर्य के पुत्र पुलकित आर्य के प्राण पखेरू उसी दिन उड़ जाते….इस घटना के बाद हत्यारोपी पुलकित आर्य और उसके साथ पुलिस जीप में मौजूद एक अन्य हत्यारोपी कम से कम अब जब तक जिंदा है उत्तराखंड पुलिस को याद रखेंगे….यकीन मानिए अगर समय पर अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर नहीं पहुंचता तो देवभूमि की आक्रोशित जनता इन दोनों हत्यारोपी को उस दिन ऐसी एक्स्ट्रा सर्विस देते हैं कि ये ताउम्र उसे नहीं भूल पाते और शायद भूलने के लिए जिंदा ही नहीं बचते….
दरअसल अंकिता हत्याकांड के बाद अब देवभूमि के लोगों को यह समझना होगा कि देवभूमि में बड़ी संख्या में इंसान की शक्ल में कुछ दानव भी रह रहे हैं….जिन को अब चिन्हित करना होगा,पहचानना होगा,सबक सिखाना होगा, होश में लाना होगा और कानून का खौफ दिखाना होगा नहीं तो इंसान के रूप में देवभूमि में छिपे ऐसे भेड़िए कभी भी पहाड़ किसी बेटी को निशाना बनाने का दुस्साहस कर सकते हैं….
अंकिता हत्याकांड के बाद जिस तरह से उत्तराखंड में हजारों की संख्या में आक्रोशित लोगों ने अंकिता के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया वो निश्चित तौर पर इस बात का प्रमाण है कि देवभूमि में रहने वाले लोग ऐसी जघन्य वारदातों को अंजाम देने वाले लोगों को किसी भी हाल में छोड़ेंगे तो नहीं….ये उत्तराखंड के लोगों के आंदोलन का ही नतीजा है कि सरकार ने आनन-फानन में इस पूरे मामले में एसआईटी का गठन कर दिया है और फिलहाल इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम देने वाले सभी आरोपी जेल की सलाखों के पीछे है….कुल मिलाकर इस पूरे मामले में सरकार और पुलिस की तेज कार्रवाई को देखकर फिलहाल ऐसा लगता है कि अंकिता हत्याकांड के सभी आरोपियों को जल्द ही फांसी की सजा जरूर मिलेगी।
गढ़वाल:पंचतत्व में विलीन हुई अंकिता,पूरे प्रदेश में शोक और आक्रोश का माहौल…अंकिता हम शर्मिंदा हैं,तेरे कातिल जिंदा हैं,जैसे आक्रोश भरे नारों से गूंज उठा उत्तराखंड
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