नेपाल और अपराध की दृष्टि से काफी संवेदनशील उत्तर प्रदेश के 5 जनपदों से सटे ऊधमसिंहनगर जिले में बीते कुछ महीनों में बड़ी-बड़ी आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले पेशेवर शातिर अपराधियों को गैंगस्टर में निरुद्ध कर जिला पुलिस जेल भेज चुकी है और गैंगस्टर में निरोध जेल जाने वाले अपराधियों का ठिकाना अब कारागार ही बन गया है क्योंकि लाख जतन के बाद भी जेल में बंद गैंगस्टरों को बेल नहीं मिल रही है….
प्रदेश के डीजीपी अशोक कुमार सार्वजनिक मंचों से कई बार कह चुके हैं कि राज्य में कानून का राज कायम रहना चाहिए ना कि अपराधियों का लिहाजा DGP के निर्देशन में जिला पुलिस बीते कुछ माह में गैंग बनाकर आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले दर्जनों शातिर अपराधियों को गैंगस्टर में निरुद्ध कर जेल भेज चुकी है….जिले में संगठित गिरोह बनाकर अपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले शातिर अपराधियों के खिलाफ पुलिस गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने के साथ-साथ अपराधियों की संपत्ति भी कुर्क कर रही है लिहाजा अपराधियों की आर्थिक स्थिति लगातार कमजोर होने से उनकी कमर भी टूट रही है….
दरअसल उत्तर प्रदेश में बुलडोजर बाबा जिस तरह से अपराधियों पर कहर बनकर टूट रहे हैं रहे हैं उससे खौफजदा यूपी के कई शातिर अपराधी अब चोरी-छिपे उत्तराखंड के साथ ही देश के कई अन्य राज्यों में शरण ले रहे हैं पर देवभूमि उत्तराखंड में पुलिस भी ऐसे अपराधियों पर नजर बनाए हुए हैं जिनका उत्तर प्रदेश में आपराधिक इतिहास है और वो उत्तराखंड में शरण लेकर आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं….
हम आपको बता दे कि तराई में बीते कुछ माह पूर्व हुए बाजपुर के जघन्य पिपलिया गोलीकांड,काशीपुर के स्टोन क्रेशर मालिक महल सिंह और पंतनगर के भाजपा नेता संदीप कार्की हत्याकांड के गिरफ्तार आरोपियों को भी जिला पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत निरुद्ध कर जेल भेज दिया था और जेल में बंद फिलहाल इन वारदातों के मुख्य आरोपियों को आज तक जमानत नहीं मिल सकी है….
जानिए गैंगस्टर एक्ट क्या है?
दरअसल कई बार अपराधी व्यक्तिगत तौर पर अपराध करने के बजाय एक गिरोह बनाकर अपराध करते हैं। यह गिरोह हत्या, लूट, डकैती, रंगदारी जैसी घटनाओं को मिलकर अंजाम देते हैं। ऐसे में इन्हें रोकने के लिए साल 1986 में सरकार ने गैंगस्टर एक्ट बनाया था….
कितनी सजा का रहेगा प्रावधान?
पहले इस एक्ट में 15 तरीके के अपराधों को शामिल किया जाता था, लेकिन बाद में इस एक्ट के तहत और भी अपराधों को लाया गया। इस एक्ट के तहत दोषी करार दिए गए व्यक्ति को कम से कम दो साल और अधिकतम दस साल की सजा देने का प्रावधान है…
संपत्ति कुर्क करने का भी है प्रावधान:
गैंगस्टर पर नकेल कसने के लिए इस एक्ट में गैंगस्टर की संपत्तियों को कुर्क करने और डीएम के अधिकार बढ़ाने का प्रावधान किया है। इसके अलावा एक अपराध करने पर भी गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान भी कर दिया गया है,जबकि पहले दो या उससे अधिक अपराध करने पर ही गैंगस्टर एक्ट लगता था।
गैंगस्टर किसे कहते हैं?
दरअसल हमारे समाज में ऐसे कई अपराधी हैं जो संगठित होकर अपराध को अंजाम देते हैं। अपराध करने का इनका मुख्य मकसद अपनी आजीविका चलाना है। जैसे अन्य लोग काम करने अपनी जरूरतें पूरी करते हैं, उसी तरह यह लोग अपराध करने अपना जीवन यापन करते हैं। ऐसे में इस गिरोह के प्रत्येक व्यक्ति को गैंगस्टर कहा जाता है। पुलिस इन अपराधियों के गुनाहों का चार्ट बनाती है और उस चार्ट के हिसाब से ही जिले के डीएम और एसपी आरोपी को गैंगस्टर घोषित करते हैं।