जी हां,डीपीआरओ रमेश चंद्र त्रिपाठी को विजिलेंस ने शासन से हरी झंडी मिलने के बाद ही बीते 24 अगस्त को रुद्रपुर के नैनीताल रोड पर स्थित मेट्रोपोलिस मॉल परिसर से ₹100000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था….हम आपको बता दें कि एक ठेकेदार से उपकरणों की सप्लाई और कार्यों के भुगतान के एवज में एक लाख रुपये की रिश्वत मांग रहे 2005 बैच के राजपत्रित अधिकारी रमेश चंद्र त्रिपाठी को विजिलेंस ने बीते बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया था….दरअसल जनपद ऊधमसिंहनगर में डीपीआरओ के पद पर तैनात रमेश चंद्र त्रिपाठी क्लास 2 ग्रेड के राजपत्रित अधिकारी हैं और एक राजपत्रित अधिकारी को ट्रैप करने के लिए विजिलेंस को शासन से अनुमति लेनी होती है….इस पूरे मामले की शिकायत मिलने के बाद सबसे पहले विजिलेंस ने मामले की प्रारंभिक जांच की थी और जांच में डीपीआरओ दोषी पाए जा रहे थे,जिसके बाद विजिलेंस ने शासन से डीपीआरओ के खिलाफ ट्रैप की अनुमति मांगी और अनुमति मिलने के बाद ही विजिलेंस की टीम ने आखिरकार बीते बृहस्पतिवार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों रमेश चंद्र त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया था….
(रमेश चंद्र त्रिपाठी,निलंबित डीपीआरओ,ऊधमसिंहनगर)
उधर सूत्रों के अनुसार इस पूरे मामले को लेकर आज विजिलेंस की एक टीम ने डीपीआरओ रमेश चंद्र त्रिपाठी के सभी बैंक खाते और लॉकर को सीज कर दिया गया है,वहीं दूसरी तरफ सूत्रों की माने तो इस पूरे मामले में अभी आगे भी विजिलेंस बड़े-बड़े खुलासे कर सकती है…. बहरहाल विजिलेंस की इस बड़ी स्ट्राइक के बाद तराई में अपने पद का दुरुपयोग कर खुद का कई लोगों का खास बताकर काली कमाई से दिन रात अपनी तिजोरी भरने वाले,साम दाम दंड भेद और गुणा गणित में माहिर बड़े-बड़े सूरमाओं की नींद हराम हो गई है और विश्वसनीय सूत्रों की माने तो रुद्रपुर में तैनात ऐसे कई अधिकारी अब विजिलेंस के रडार पर हैं।
*रुद्रपुर:शासन से अनुमति मिलने के बाद विजिलेंस ने DPRO को किया था ट्रैप,रडार पर हैं कई और अधिकारी*
Recent Comments
करोड़ों रुपए के घाटे में चल रहे वन विकास निगम को घाटे से उबारने के लिए सीएम ने थपथपाई परिहार की पीठ
on
करोड़ों रुपए के घाटे में चल रहे वन विकास निगम को घाटे से उबारने के लिए सीएम ने थपथपाई परिहार की पीठ
on