कहते हैं ना बुरी परवरिश का परिणाम भी बुरा ही होता है,खराब परवरिश केवल किसी एक काम या आदत का नतीजा नहीं है बल्कि गलत कामों और व्यवहार की एक पूरी कड़ी है,जिससे आपके बच्चों के दिल-दिमाग पर धीरे-धीरे बुरा असर पड़ता है और अंततः इसका परिणाम भी बुरा ही होता है…कुछ ऐसा ही एक मामला बीते शाम रुद्रपुर के पंतनगर थाना क्षेत्र स्थित पॉश कालोनी ओमेक्स में देखने को मिला,जहां छोटी सी कहा सुन के बाद नामी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों में से एक छात्र ने दूसरे छात्र को थप्पड़ मार दिया इसके बाद थप्पड़ खाने वाले ग्राम भूरारानी निवासी छात्र ने अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ रहने वाले शहर के अराजक तत्वों से संपर्क किया और कुछ देर बाद मौके पर स्कॉर्पियो N और इसुज़ु में सवार होकर अराजक तत्वों का एक गैंग हथियारों के साथ ओमेक्स कॉलोनी में दाखिल हो गया,जहां अराजक तत्वों ने शहर के रामपुर रोड पर स्थित एक बड़े अस्पताल के मालिक एवं संभ्रांत चिकित्सक और एक कारोबारी के बेटे सहित कुछ छात्रों की जमकर पिटाई कर दी पर अराजक तत्वों की पिटाई से दो छात्रों को ज्यादा चोटें आई हैं …
उधर इस पूरे मामले में तहरीर मिलने के बाद पुलिस ने शहर के एक आदतन अपराधी अराजक तत्व के खिलाफ छात्रों का अपहरण करने का प्रयास करने सहित BNS की चार धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है…अब सवाल यह उठता है कि आखिर बच्चों के छोटे से झगड़े में अगर किसी छात्र ने अराजक तत्वों को फोन कर मौके पर बुलाया तो क्या इस बात की जानकारी छात्र के परिजन को नहीं थी और अगर थी तो क्या आरोपी छात्र के परिजन ने अपने बेटे को किस प्रकार की शिक्षा दे रहे है…इस पूरे मामले को देखकर यह साफ कहा जा सकता है कि बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय और बुरी परवरिश का बुरा ही नतीजा होता है…वर्तमान समय में तराई में जमीनों का अवैध कारोबार कर कुछ लोगों के पास नया-नया पैसा आ गया है और आप लोगों ने सुना ही होगा कि “जो खानदानी रईस हैं वो मिज़ाज रखते हैं नर्म अपना,तुम्हारा लहजा बता रहा है तुम्हारी दौलत नई-नई है”
कुल मिलाकर कहा जाए तो जैसी परवरिश आप बच्चों को देंगे और जैसे वातावरण में आप अपने बच्चों को रखेंगे उसका बच्चों पर भी वही प्रभाव पड़ेगा,यानी साफ है कि अगर आपने बचपन रूपी भूमि पर बबुल का बीज बोया है तो उसे पर कांटे ही आएंगे अगर आप आम की उम्मीद करते हैं तो वो बेईमानी होगी है… अक्सर ऐसे मामलों में यह देखा गया है कि नए-नए पैसों वालों की बिगड़े औलाद बाद में अपने परिजनों के हाथ से भी निकल जाते है अथवा पैसे की गर्मी के कारण कुछ ऐसा काम कर बैठते हैं जिसका परिणाम अंततः काफी बुरा होता है…बहरहाल इस पूरे मामले पर पुलिस को सख्त एक्शन लेना चाहिए क्योंकि अगर आपसी झगड़े में किसी छात्र ने अराजक तत्व को फोन कर मौके पर बुलाया और गैंग बनाकर अराजक तत्व मौके पर आता है तो इसका मतलब साफ है कि आदतन अपराध करने में माहिर अपराधी प्रवृत्ति के लोग पुलिस प्रशासन से डर नहीं रहे हैं,इसलिए ऐसे अपराधी प्रवृत्ति के लोगों के दिलों दिमाग में पुलिस का खौफ पैदा होना चाहिए और ऐसा तभी होगा जब पुलिस ऐसे अपराधियों को पुलिसिया भाषा में सबक सिखाएगी।
रुद्रपुर:छात्रों के छोटे झगड़े में गैंग बनाकर संभ्रांत परिवार के छात्रों को पीटने के मामले में अराजक तत्व पर अपहरण सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज,वो कहते हैं ना-बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय
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