**क्या हार में,क्या जीत में किंचित नहीं भयभीत मैं,
संधर्ष पथ पर जो भी मिला,यह भी सही वह भी सही
वरदान नहीं मांगूंगा,हो कुछ पर हार नहीं मानूंगा**
जी हां,उपरोक्त पंक्तियां भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं किच्छा के पूर्व विधायक राजेश शुक्ला पर बिल्कुल सटीक बैठती है…किच्छा विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने के बाद भी जिस तरह से राजेश शुक्ला लगातार राजनीतिक गलियारों में सुर्खियां बटोर रहे हैं उसे देखकर तो ऐसा लगता है कि राजेश शुक्ला नैनीताल लोकसभा सीट से अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं….
(यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का सानिध्य प्राप्त करते हुए राजेश शुक्ला)
अभी कुछ दिनों पूर्व ही राजेश शुक्ला ने बाबा गोरखनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी रामानुज त्रिपाठी के पैतृक गांव-बहोर,धनौती,जिला-देवरिया में आयोजित एक कार्यक्रम में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दिल्ली में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तराखंड के प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम से मुलाकात करने के साथ-साथ दिल्ली के कई केंद्रीय मंत्रियों से भी मुलाकात की है….
(लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से दिल्ली में शिष्टाचार मुलाकात करते राजेश शुक्ला)
शुक्ला की राजनीतिक सक्रियता से फिलहाल तराई में काफी हलचल मच गई है….हम आपको बता दें कि अभी 2 माह पूर्व नैनीताल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में लगे राजेश शुक्ला के दर्जनों होर्डिंग्स से भी नैनीताल- ऊधमसिंहनगर संसदीय क्षेत्र का सियासी माहौल गर्म हो गया था….
(UP के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और भाजपा सांसद रविंद्र कुशवाहा के साथ राजेश शुक्ला)
अगर शुक्ला के हाल फिलाल की राजनीतिक गतिविधियों को देखा जाए तो जिस तरह से शुक्ला को एक के बाद एक भाजपा के दिग्गज नेताओं का आशीर्वाद मिल रहा है उससे एक तरफ जहां शुक्ला का राजनीतिक कद राज्य और केंद्र की राजनीति में लगातार बढ़ रहा रहा है,वहीं दूसरी तरफ शुक्ला के राजनीतिक विरोधियों में खलबली और बेचैनी भी मच रही है….
(BJP के राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तराखंड के प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम के साथ राजेश शुक्ला)
राज्य के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संघर्ष के साथी एवं नजदीकी मित्र राजेश शुक्ला ने जिस तरह से भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व में अपनी मजबूत पकड़ बना ली है और जिस तरह से केंद्रीय मंत्रियों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का आशीर्वाद भी शुक्ला को मिल रहा है उसे देख कर तो ऐसा लगता है कि जल्द ही शुक्ला तराई में नई पारी की शुरुआत कर सकते है….
(केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे से दिल्ली में मुलाकात करते हुए राजेश शुक्ला)
अभी हाल ही में राजेश शुक्ला,स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अथक प्रयासों से भारत सरकार ने किच्छा विधानसभा की 100 एकड़ भूमि पर बनने वाले एम्स के सेटेलाइट सेंटर के लिए ₹700 करोड़ रुपए मंजूर कर दिए हैं….
देखा जाए तो शुक्ला ने स्थानीय आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति से कई कदम आगे बढ़ते हुए अपने कार्यों एवं अपनी काबिलियत के दम पर अब केंद्रीय नेतृत्व में अपनी मजबूत पकड़ बना ली है और यही कारण है कि किच्छा जैसी छोटी विधानसभा में एम्स जैसे बड़े प्रोजेक्ट को लाने के साथ-साथ प्रोजेक्ट के लिए 700 करोड़ रुपए का मोटा बजट मंजूर कराने में भी शुक्ला को सफलता मिल गई….
(दरभांगा बिहार के सांसद गोपाल ठाकुर के साथ राजेश शुक्ला)
हम आपको बता दे कि राजेश शुक्ला पूर्व में एक लोकसभा चुनाव और 4 बार विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं….छात्र राजनीति से अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत करने वाले तराई के संस्थापक एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित राम सुमेर शुक्ल के छोटे पुत्र राजेश शुक्ला को राजनीति पिता से विरासत में मिली है….
(UP के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के साथ राजेश शुक्ला)
लगातार 10 सालों तक विधायक के तौर पर किच्छा विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता राजेश शुक्ला को बीते विधानसभा चुनाव में भले ही हार का सामना करना पड़ा पर हार का सामना करने के बाद भी शुक्ला अपनी विधानसभा के साथ-साथ लोकसभा क्षेत्र में भी लगातार सक्रिय भूमिका में है….
(देवरिया के BJP सांसद रमापति राम त्रिपाठी से मुलाकात करते हुए राजेश शुक्ला)
कुल मिलाकर जिस तरह से भाजपा नेता राजेश शुक्ला को वरिष्ठ भाजपा नेताओं,केंद्रीय नेतृत्व और केंद्रीय मंत्रियों के साथ ही दो-दो मुख्यमंत्रियों का सानिध्य मिल रहा है उससे तराई में एक बार फिर राजनीतिक अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।