जी हां,रुद्रपुर के काशीपुर रोड पर स्थित ग्राम दानपुर में बीते फरवरी माह में जगदीश कुमार नाम के अनुसूचित जाति के एक व्यक्ति ने पहले तो अपनी लगभग साडे 3 एकड़ कृषि भूमि का प्राधिकरण से आवासी कॉलोनी विकसित करने के लिए नक्शा पास करवा लिया और फिर बाद में बीते अगस्त माह में एसडीएम कार्यालय में गलत शपथ पत्र पेश कर जालसाजी के द्वारा दोबारा उसी संपूर्ण भूमि पर व्यवसायिक प्रयोजन हेतु दुकान बनाने के नाम पर लैंड यूज चेंज कर भूमि की 143 भी करवा लेता है….
उधर इस पूरे मामले पर एसडीएम रुद्रपुर प्रत्यूष सिंह का यह कहना है कि यह पूरा मामला बेहद गंभीर है और वो इस पूरे मामले पर एक्शन लेते हुए जगदीश कुमार की संबंधित भूमि की 143 निरस्त करने के साथ ही जगदीश कुमार के खिलाफ कार्रवाई भी करेंगे….
इस पूरे मामले में यह भी जानकारी मिली है कि जगदीश कुमार ने प्राधिकरण से नक्शा पास कराने के बाद बिना रेरा में रजिस्ट्रेशन कराए ही बीते 18 अप्रैल को संबंधित भूमि पर सबसे पहले एक आवासीय प्लॉट की बिक्री की जिसके बाद 21 जुलाई को पुनः एक आवासीय प्लॉट की बिक्री की गई,जबकि नियमानुसार बिना रेरा में रजिस्ट्रेशन कराएं और बिना रजिस्ट्री में रेरा रजिस्ट्रेशन नंबर डालें आवेदक आवासीय प्लॉटों की बिक्री नहीं कर सकता है….
इसके अलावा दोनों प्लाटों की बिक्री से पहले भू-स्वामी ने जिलाधिकारी से भूमि विक्रय करने की अनुमति भी प्राप्त नहीं की थी पर रुद्रपुर के सब रजिस्ट्रार की विशेष कृपा से भू-स्वामी के दोनों प्लाटों की रजिस्ट्री हो गई….
उधर भू-स्वामी ने अपनी लगभग साडे 3 एकड़ भूमि को बीते 8 अगस्त को व्यवसायिक प्रयोजन दुकान हेतु अकृषिक घोषित करवा लिया था और बीते 26 अगस्त को भू-स्वामी ने एक और प्लॉट की रजिस्ट्री की पर प्लॉट की रजिस्ट्री में स्टांप शुल्क की चोरी करते हुए प्लॉट का रजिस्ट्री शुल्क आवासीय में दिया गया,जबकि संबंधित भूमि 8 अगस्त को ही व्यवसायिक प्रयोजन हेतु अकृषिक घोषित कर दी गई थी यानी प्लॉट की रजिस्ट्री कमर्शियल तौर पर होनी चाहिए थी और स्टॉप शुल्क भी कमर्शियल के दर पर जमा होना चाहिए था….
इस पूरे मामले पर जब हमने एआईजी स्टांप सुधांशु त्रिपाठी से बात की तो उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले को देखकर प्रथम दृष्टया यह साफ होता है कि मामले में स्टांप शुल्क की चोरी हुई है साथ ही उन्होंने यह साफ कहा कि वह इस पूरे मामले की जांच करवाएंगे और जांच के बाद जुर्माने और ब्याज के साथ कई गुना स्टांप शुल्क आरोपी व्यक्ति से वसूल किया जाएगा….
भू-स्वामी जगदीश कुमार द्वारा अब तक जिन आवासी प्लॉटों की रजिस्ट्री की गई है उसमें उन्होंने यह शपथ पत्र दिया है कि विक्रेता प्रमोटर डेवलपर अथवा रियल एस्टेट एजेंट नहीं है,जबकि विक्रेता द्वारा बीते फरवरी माह में खुद जिला विकास प्राधिकरण से संबंधित भूमि पर आवासी कॉलोनी विकसित करने के लिए नक्शा पास करवाया गया है….
साथ ही शपथ पत्र में आवेदक ने यह भी गलत तथ्य दिए हैं कि वो अनुसूचित जाति का व्यक्ति नहीं है,जबकि आवेदक अनुसूचित जाति का व्यक्ति है उधर सूत्रों की मानें तो भू-स्वामी जगदीश कुमार द्वारा बीते 18 और 21 जुलाई को जिन दो आवासी प्लॉटों की रजिस्ट्री की गई है उनकी दाखिल खारिज होना भी संभव नहीं है….
कुल मिलाकर इस पूरे मामले में आवेदक द्वारा विकसित की जा रही कॉलोनी में खून-पसीने की कमाई से आवासीय प्लॉट खरीदने वाले लोगों को अब काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है….इसलिए इस कॉलोनी में आवासीय अथवा कमर्शियल प्लॉट लेने से पहले आप सभी कानूनी दस्तावेजों और भू-कानून की जानकारी अवश्य कर लें अन्यथा आपको अपने खून-पसीने की कमाई से आपको हाथ धोना पड़ सकता है।
**रुद्रपुर:जानिए कैसे कॉलोनी निर्माण के लिए जिस भूमि का पहले करवाया नक्शा पास उसी का लैंडयूज 6 महीने बाद बदल दिया गया,स्टांप शुल्क की भी हुई चोरी…SDM ने कहा 143 निरस्त कर करेंगे कार्रवाई**
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