महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं तराई के संस्थापक पंडित राम सुमेर शुक्ला की 46 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आज ऊधमसिंहनगर के जिलाधिकारी नितिन सिंह भदोरिया,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा,मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.केदार सिंह शाही पूर्व मेयर रामपाल,पंडित राम सुमेर शुक्ल मेमोरियल फाउंडेशन ट्रस्ट के संरक्षक एवं पंडित जी के बड़े पुत्र दिनेश शुक्ला सहित दर्जनों की संख्या में गणमान्य लोगों ने पंडित राम सुमेर शुक्ला की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी…इस अवसर पर जिलाधिकारी नितिन भदौरिया ने श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए यह कहाकि पं.राम सुमेर शुक्ल न केवल स्वतंत्रता संग्राम के महानायक थे बल्कि तराई क्षेत्र के विकास और विस्थापितों के पुनर्वास में भी उनकी भूमिका अविस्मरणीय है और पंडित राम सुमेर शुक्ल का जीवन त्याग,संघर्ष और सेवा का प्रतीक है,जो हमें देश और समाज के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा देता है…वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा ने पं.शुक्ल के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए यह कहा कि पं.शुक्ल ने महात्मा गांधी के आदर्शों से प्रेरित होकर अपना जीवन देश को समर्पित कर दिया था उनका साहस,दृढ़ता और संघर्ष हम सभी के लिए प्रेरणादायक है…
हम आपको बता दें कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित रामसुमेर शुक्ल का जन्म ग्राम-भेड़ी,तहसील रुद्रपुर,जिला देवरिया (तत्कालीन जिला गोरखपुर) उत्तर प्रदेश में 28 नवंबर 1915 को हुआ था…उनकी प्रारंभिक शिक्षा रंगून के कैंब्रिज विद्यालय में हुई बाद में उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से स्नातक और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी की थी…छात्र जीवन से ही नेतृत्व की क्षमता ने उन्हें एक अलग पहचान दिल दी थी,पंडित राम सुमेर शुक्ला ने 1936 में लाहौर अधिवेशन में मात्र 21 वर्ष की आयु में जिन्ना के द्वि-राष्ट्रवाद का खुले मंच से विरोध किया था और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक विशेष पहचान बनाई थी…
गांधी जी के विचारों से प्रभावित होकर उन्होंने वकालत न करने का निश्चय किया और स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाई …अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन में उन्होंने तीन बार जेल की घोर यातनाएं भी सही…1943 में दिल्ली में हुए छात्र एवं युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया,पंडित नेहरू द्वारा उद्घाटित इस अधिवेशन में पंडित जी ने छात्रों को स्वतंत्रता आंदोलन के लिए संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी …आजादी के बाद उन्हें तराई कॉलोनाइजेशन का दायित्व सौंपा गया,जहां उन्होंने विस्थापित शरणार्थियों और स्वतंत्रता सेनानियों के पुनर्वास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया…पं. गोविद बल्लभ पंत द्वारा तराई को आबाद करने के लिए शुक्ल के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम गठित की गई थी,जिसके बाद पंडित जी ने तराई में रुद्रपुर को एक विकसित शहर बनाने की नींव रखी थी…
उनकी अमूल्य सेवाओं और संघर्ष को याद करते हुए राज्य गठन के बाद उत्तराखंड सरकार ने उनके सम्मान में रुद्रपुर में उनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित की है और रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज का नाम पंडित राम सुमेर शुक्ला के नाम पर रखा गया…4 दिसंबर 1978 में 63 वर्ष की आयु में रुद्रपुर में उनका निधन हो गया था लेकिन उनकी देशभक्ति और सेवा का उदाहरण आज भी नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक है…उधर आज नैनीताल रोड पर स्थित पंडित राम सुमेर शुक्ल राजकीय मेडिकल कालेज में पंडित जी की पुण्यतिथि के अवसर पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.केदार शाही,पूर्व विधायक एवं पंडित जी के छोटे पुत्र राजेश शुक्ला ने कॉलेज स्टाफ और कार्यकर्ताओं के साथ पंडित जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके योगदान को नमन किया…इसके अलावा पंडित राम सुमेर शुक्ल राजकीय बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रामनगर में भी आज पंडित राम सुमेर शुक्ल की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए,जहां पंडित राम सुमेर शुक्ला मेमोरियल फाउंडेशन ट्रस्ट की सदस्य शशि शुक्ला और श्रेयांश शुक्ला भी मौजूद रहे…
पंडित जी की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित हुए श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित देश भक्तों ने पंडित राम सुमेर शुक्ल जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त की… श्रद्धांजलि सभा में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष विवेक सक्सेना, निवर्तमान मेयर रामपाल,ठाकुर संजीव सिंह,पंडित राम सुमेर शुक्ला मेमोरियल फाउंडेशन ट्रस्ट के संरक्षक दिनेश शुक्ला, ट्रस्ट के सदस्य आशीष शुक्ला,शशि शुक्ला,श्रेयांश शुक्ला,मनीष शुक्ला,सचिन शुक्ला,अभिषेक तिवारी,ठाकुर जगदीश सिंह,राज गगनेजा, मनमोहन सक्सेना,सैयद इफ्तार मियां,हिमांशु शुक्ला,आशीष तिवारी,राजेश तिवारी,अजय तिवारी,रामू चतुर्वेदी,बंटी खुराना,सुरेंद्र चौधरी,विपिन मिश्रा,मूलचंद राठौर,गोल्डी गोरया,अजित पाठक, अखिलेश यादव,सुशील यादव,नंदकिशोर,जय नारायण,ग्राम प्रधान दीपक मिश्रा,रविकांत वर्मा,नितिन वाल्मीकि,सचिन वाल्मीकि, जसवीर सिंह,आलोक राय,शंकर विश्वास,जितेंद्र गौतम,अमर खान, अमर सिंह,महेंद्र वाल्मीकि,अंकुर उपाध्याय,चंदन जायसवाल,राजेश कोली,अरुण द्विवेदी,दीपक मिश्रा,अशोक चौधरी,राहुल तिवारी, शिवम त्रिपाठी,शिवम ओझा,अविनाश चौधरी,विपिन मिश्रा,अमरनाथ कश्यप,नारायण पाठक,बलराज सिंह,अविनाश चौधरी,उपेंद्र गिरी, राणा राघवेंद्र शाही और भरत मिश्रा सहित सैकड़ो की संख्या में देशभक्त उपस्थित थे।
**रुद्रपुर:तराई के संस्थापक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पं.राम सुमेर शुक्ल की 46 वीं पुण्यतिथि पर DM और SSP सहित जिले के गणमान्य लोगों ने अर्पित की श्रद्धांजलि**
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