बीते कुछ दिनों पूर्व हमने अपने ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल पर आपको यह दिखाया और बताया था कि किस तरह से ऊधमसिंहनगर जिले के रुद्रपुर-काशीपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 74 से लगे हुए ग्राम दानपुर के छठ घाट के पास स्थित पल्लविका नर्सरी के मालिक महराजपुर निवासी किशन ठुकराल ने बेशकीमती लगभग 1476 गज सरकारी भूमि पर तारबाड़ कब्जा कर लिया था….
इस पूरे मामले पर तहसील प्रशासन ने सरकारी भूमि पर कब्जा करने वाले पल्लविका नर्सरी के मालिक महराजपुर निवासी किशन उर्फ कृष्ण लाल ठुकराल और बलदेव राज ठुकराल पुत्र हजारीलाल ठुकराल को सरकारी भूमि पर किए गए अतिक्रमण को हटाने का नोटिस जारी कर 18 जुलाई तक आरोपी द्वारा स्वयं सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने का समय दिया था पर बावजूद इसके अतिक्रमण कारी ने मौके से अतिक्रमण नहीं हटाया….
(स्थानीय पटवारी द्वारा अतिक्रमण कारी को जारी किया गया नोटिस)
उधर इस पूरे मामले पर रुद्रपुर के दयालु एसडीएम प्रत्यूष सिंह ने थोड़ा और दया दिखाते हुए नर्सरी के मालिक को 4 दिन का समय और दे दिया पर बावजूद इसके मौके से अतिक्रमण कारी ने अतिक्रमण नहीं हटाया और आखिरकार आज दानपुर के पटवारी नसीम और तहसील प्रशासन के कुछ लोग बकायदा जेसीबी मशीन के साथ सुबह ही दानपुर पहुंच गए पर दानपुर पहुंचने के बाद स्थानीय पटवारी और तहसील प्रशासन के लोगों ने फिर एक बार नाटकीय ढंग से मौके पर अतिक्रमण की गई भूमि की पैमाइश शुरू कर दी और लगभग 7-8 घंटे मौके पर रहने के बाद तहसील प्रशासन की टीम ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर मौके पर बने एक झोपड़ी नुमा हट की कुछ ईटों को हटा कर तारबाड़ किए हुए कुछ खंभों को निकाल दिया….
अब आप जरा गौर से अतिक्रमण हटाने के नाम पर की गई तहसील प्रशासन की कार्रवाई को दर्शाती हुई इन तस्वीरों को देखें,क्या आपको 1436 गज भूमि से अतिक्रमण हटाया गया दिखाई दे रहा है ?
सवाल यह भी उठता है कि क्या आज तहसील प्रशासन की टीम ने कीमती सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाया है अथवा अतिक्रमण कारी को सरकारी भूमि पर एक प्रकार से लीगल कब्जा दिलवा दिया है ?….सवाल यह भी उठता है कि जब प्रशासन की टीम जेसीबी मशीन के साथ मौके पर अतिक्रमण हटाने पहुंची थी तो जेसीबी मशीन से अतिक्रमण क्यों नहीं हटाया गया और अतिक्रमण हटाने के नाम पर केवल खानापूर्ति क्यों की गई ?
इस पूरे मामले में स्थानीय पटवारी की भूमिका भी संदिग्ध है क्योंकि किसी भी ग्राम सभा में एक-एक इंच सरकारी जमीन का हिसाब किताब रखने की जिम्मेदारी स्थानीय पटवारी यानी राजस्व उप निरीक्षक की होती है पर इस पूरे मामले में राजस्व उपनिरीक्षक की तरफ से कोई कार्यवाही नहीं की गई और तो और इस पूरे मामले की शिकायत भी दानपुर और भगवानपुर के ग्राम प्रधान द्वारा एसडीएम रुद्रपुर को की गई थी,जबकि शिकायत स्थानीय राजस्व निरीक्षक नसीम की तरफ से आनी चाहिए थी….
उधर सरकारी भूमि से अतिक्रमण मुक्त कराने के इस मामले को बड़े ही जोर-शोर से उठाने वाले स्थानीय प्रधान पति के सुर भी आज बदले हुए थे…. दरअसल स्थानीय पटवारी और तहसील प्रशासन को आज सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने से पूर्व अतिक्रमण कारी की रजिस्ट्री वाली भूमि की चौहदी को भी देखना चाहिए था और रजिस्ट्री की चौहदी आधार पर अतिक्रमण कारी की भूमि को चिन्हित कर बाकी बची सरकारी भूमि को अपने कब्जे में लेना चाहिए था पर प्रशासन की टीम ने ऐसा नहीं किया और केवल नाटकीय ढंग से अतिक्रमण हटाने का काम किया….
हम आपको बता दें कि रुद्रपुर के NH-74 से लगी हुई ग्राम दानपुर की बेशकीमती 0.1235 हेक्टेयर जिस सरकारी भूमि पर कब्जा हुआ है,वो राजस्व भू अभिलेखों में धोबी घाट और खाद के गड्ढे हेतु दर्ज है….जिसका फ्रंट का हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग 74 से लगा हुआ है….दानपुर के प्रधान पति के अनुसार जिस सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया गया है,वहां विश्व प्रसिद्ध छठ पर्व के अलावा कई प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान एवं कार्यों का संपादन स्थानीय ग्रामीणों द्वारा किया जाता है और उस स्थान पर ग्रामीणों की काफी श्रद्धा भी है….
NH74 से लगी हुई होने के कारण इस भूमि की कीमत बाजार में करोड़ों रुपए है….एक तरफ जहां गरीबों द्वारा किए गए अतिक्रमण को जेसीबी मशीनों से ध्वस्त करने में प्रशासन थोड़ा भी समय नहीं लगाता है,वहीं दूसरी तरफ इस पूरे मामले में बुलडोजर के साथ पहुंचे तहसील प्रशासन के लोग रसूखदार अतिक्रमण कारी के सामने बोने दिखाई दिए….बहरहाल इस पूरे मामले को देखकर यह कहा जा सकता है कि “ना खाता ना बही जो पटवारी और तहसील प्रशासन कहे वही सही”
एक तरफ जहां जिलाधिकारी के निर्देश पर जिले के सभी तहसील क्षेत्रों में सरकारी तालाबों और सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करने का व्यापक अभियान चल रहा है,वहीं दूसरी तरफ रुद्रपुर में डीएम युगल किशोर पंत के अभियान को कैसे पलीता लगाया जा रहा है वो इस आप इस पूरे मामले को देखकर भली-भांति समझ गए होंगे….कुल मिलाकर अब देखना ये होगा कि इस पूरे मामले पर जिलाधिकारी आगे क्या कार्रवाई करते हैं ?
रुद्रपुर:वाह रे प्रशासन,NH से लगी कीमती सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने का मामला…काम किया अधूरा,बता दिया पूरा
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