जी हां,बीते 9 अप्रैल को हरिद्वार के भगवानपुर क्षेत्र में बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड के शूटर और ₹100000 के इनामी बदमाश अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू को उत्तराखंड पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया था,पुलिस मुठभेड़ के दौरान अमरजीत सिंह को 7 गोलियां लगी थी… हम आपको बता दें कि बीते 28 मार्च को नानकमत्ता गुरुद्वारा के परिसर में गुरुद्वारे के मुख्य सेवादार बाबा तरसेम सिंह को रामपुर जिले के शातिर शूटर अमरजीत सिंह ने राइफल से 2 गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था और उस दौरान अमरजीत के साथ अपराधी सर्वजीत सिंह भी मौजूद था…इस पूरे मामले में पुलिस अब तक 7 लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है पर अभी तक इस पूरे मामले में पुलिस मुख्य साजिशकर्ता को गिरफ्तार नहीं कर पाई है…हम आपको बता दें कि इस पूरे मामले में एसटीएफ और एसओजी सहित पुलिस की 11 टीमों के साथ-साथ 79 पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों को जांच में लगाया गया है…
(मुठभेड़ में मारे गए अपराधी अमरजीत सिंह की फोटो)
फिलहाल इस पूरे मामले में पुलिस का ध्यान अब फरार चल रहे ₹100000 के इनामी बदमाश सरबजीत सिंह की तरफ है…दरअसल तेज तर्रार आईपीएस अधिकारी अभिनव कुमार ने जब डीजीपी का चार्ज ग्रहण किया था तब से ही यह माना जा रहा था कि अब पुलिस अपराधियों के खिलाफ काफी सख्ती से निफ्टेगी और बिते 8 अप्रैल को हरिद्वार में इसका ताजा उदाहरण भी देखने को मिल ही गया…हम आपको बता दें कि आईपीएस अधिकारी अभिनव कुमार सख्त पुलिसिंग पर विश्वास करते हैं और अपराधियों से बेहद सख्ती से निपटने की पॉलिसी पर विश्वास रखते हैं…अब बात करते हैं बीते 8 अप्रैल को पुलिस एनकाउंटर में मारे गए अमरजीत सिंह के आपराधिक इतिहास के बारे में…
(बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड का सीसीटीवी फुटेज)
बीते 25 अक्टूबर वर्ष 2013 को रामपुर जिले के ग्राम डिबडिबा के प्रधान राजेंद्र सिंह सेठी और उनकी पत्नी सिमरनजीत कौर पर गांव के मोड़ पर ही उस समय बदमाशों ने घात लगाकर हमला किया गया था, जब वो बोलेरो से रुद्रपुर से आपने गांव लौट रहे थे….बदमाशों की अंधाधुंध फायरिंग में प्रधान राजेंद्र सिंह सेठी की मौके पर मौत हो गई थी,हमले में प्रधान को छह,जबकि उनकी पत्नी को तीन गोलियां लगी थी…बावजूद इसके इलाज के दौरान मृतक प्रधान की पत्नी की जान बच गई थी और इस पूरे मामले में 6-7 लोगों के खिलाफ पुलिस ने नामजद मुकदमा दर्ज किया था पर पुलिस सूत्रों की माने तो राजेंद्र सिंह सेठी को उस दिन राइफल से ही पहली गोली अमरजीत सिंह ने ही मारी थी पर अमरजीत को मृतक के परिजनों ने हत्या में नामजद नहीं किया था उधर वर्ष 2014 में रुद्रपुर में एक एटीएम काटने के दौरान भी अमरजीत सिंह ने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी और जवाबी कार्रवाई के बाद पुलिस ने अमरजीत सिंह को बमुश्किल गिरफ्तार किया था…
(हत्याकांड में शामिल गिरफ्तार आरोपी पुलिस हिरासत में)
कुल मिलाकर पुलिस की जांच की थ्योरी को माना जाए तो यह पता चलता है कि अमरजीत सिंह किसी भी व्यक्ति की हत्या करने के लिए अपने पसंदीदा हथियार के तौर पर राइफल को ही चुनता था क्योंकि राइफल से चली गोली जब किसी को लगती है तो उसके मरने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है इसलिए टारगेट को क्लियर हिट करने के लिए अमरजीत हथियार के तौर पर राइफल को ही पसंद करता था… अमरजीत सिंह पर बिलासपुर के थाने में वर्ष 1991 में टाटा के तहत भी मुकदमा दर्ज हुआ था…इसके अलावा अमरजीत के खिलाफ रुद्रपुर,गदरपुर,नानकमत्ता और शाहजहांपुर में भी डकैती,हत्या और जानलेवा हमले के चार अन्य कैसे दर्ज हैं…हम आपको बता दें कि बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड के हाई प्रोफाइल मामले का खुलासा करने के लिए जिला पुलिस के कई अधिकारी और पुलिसकर्मी कई दिनों तक सोए नहीं थे…जहां एक तरफ इस पूरे मामले की परत दर परत जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ.मंजूनाथ टीसी खुद मॉनिटरिंग कर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ एसपी सिटी रूद्रपुर मनोज कत्याल नानकमत्ता में ही कैंप कर रहे थे….अब बात करते हैं राज्य में एक बार फिर शुरू हुई मुठभेड़ के परंपरा की….
(SSP डॉ मंजूनाथ के साथ SP सिटी मनोज कात्याल और SP काशीपुर अभय प्रताप सिंह)
दरअसल वर्ष 2008 में हल्द्वानी के तत्कालीन कोतवाल एवं एनकाउंटर स्पेशलिस्ट महेंद्र सिंह नेगी ने दिनांक 2/12/2008 को पहले रुद्रपुर के खेड़ा क्षेत्र में हल्द्वानी में पेट्रोल पंप स्वामी व्यापारी शिवकुमार बंसल के यहां डकैती में शामिल डकैत सतपाल उर्फ पहलवान निवासी-अमरोहा और जगत बाबू निवासी उड़ीसा को मुठभेड़ में मार गिराया था…पुलिस एनकाउंटर में मारा गया डकैत सतपाल उर्फ पहलवान अमरोहा का हिस्ट्रीशीटर बदमाश था,वारदात स्थल से पुलिस ने 6 पिस्टल,लगभग 25 लाख रुपए की जेवरात और लाखों रुपए की नगदी सहित हथियारों के 150 जिंदा कारतूस भी बरामद की थी….मृतक डकैत UP पुलिस की वर्दी पहनकर बेखौफ होकर डकैती डालने का काम किया करते थे…. उस दौरान पुलिस ने मुठभेड़ स्थल से उस डकैत गिरोह के सरगना पवन गुप्ता उर्फ विपिन कुमार की प्रेमिका रेशमा उर्फ अंशु को भी ₹100000 की नगदी के साथ गिरफ्तार कर लिया था….रुद्रपुर के खेड़ा क्षेत्र में हुई उस दौरान की पुलिस मुठभेड़ में पुलिस ने AK-47 का इस्तेमाल किया था….
(उस दौरान रुद्रपुर में हुई मुठभेड़ की अखबार में छपी खबर की फोटो)
इसके बाद एनकाउंटर स्पेशलिस्ट महेंद्र सिंह नेगी ने 15/04/2009 को लालकुआं में प्रभारी निरीक्षक रहने के दौरान क्षेत्र में एक ही रात में डकैती की तीन वारदातों को अंजाम देने वाले दो बदमाशों को बिंदुखत्ता के जंगलों में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया गया था बाद में पुलिस को पता चला कि मृतक डकैत राम अवतार,पुत्र रामलाल करीमनगर जिला- रामपुर और मृतक डकैत जमुनादास पुत्र चेतराम निवासी शहजाद नगर जिला-रामपुर के मूल निवासी थे…मृतक डकैतों के पास से पुलिस ने डकैती के दौरान लूट गए जेवरात और चार तमंचे भी बरामद किए थे….बस इस एनकाउंटर के बाद से ही उत्तराखंड में एक तरह से पुलिस एनकाउंटर पर विराम लग गया था और अब 15 साल बाद फिर एक बार पुलिस ने दुर्दांत अपराधी अमरजीत सिंह को पुलिस मुठभेड़ में ढेर करने के बाद राज्य में एनकाउंटर का खाता फिर से खोल दिया है…
(महेंद्र सिंह नेगी,उत्तराखंड के नंबर वन एनकाउंटर स्पेशलिस्ट)
हम आपको बता दे कि एनकाउंटर स्पेशलिस्ट महेंद्र सिंह नेगी अपनी पुलिस सर्विस के दौरान 54 दुर्दांत अपराधियों को मौत की नींद सुला चुके हैं और वर्तमान समय में महेंद्र सिंह नेगी सेवानिवृत होने के बाद भी समय-समय पर नवनियुक्त पुलिस अधिकारियों को अपराधियों से उन्हीं की भाषा में जवाब देने का प्रशिक्षण देते रहते हैं…कुल मिलाकर कहे तो उत्तराखंड पुलिस ने अब राज्य में जघन्य आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले दुर्दांत अपराधियों को उन्हीं की भाषा में सबक सिखाने का मन बना लिया है और जिसका ट्रेलर पुलिस 8 अप्रैल को हरिद्वार के भगवानपुर क्षेत्र में दिखा चुकी है…बहरहाल अभी नानकमत्ता के बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड से पूरी तरह से पर्दा उठना बाकी है और अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में पुलिस इस पूरे मामले में कितने अन्य लोगों को गिरफ्तार करती है।