ऊधमसिंहनगर जिले में अपनी तैनाती के बाद से ही कानून का इकबाल बुलंद करने वाले तेज तर्रार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा के निर्देशन में जनपद में पुलिस का नशा और हथियार तस्करों के खिलाफ व्यापक अभियान जारी है…इसी क्रम में आज पुलिस ने गदरपुर क्षेत्र से एक अवैध हथियार फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए स्थानीय स्तर पर सक्रिय रहने वाले एक बेहद शातिर हथियार तस्कर दर्शन सिंह को गिरफ्तार कर लिया है… पुलिस ने गिरफ्तार हथियार तस्कर के पास से नो तमंचे और कई जिंदा कारतूसों के साथ ही भारी मात्रा में अवैध हथियार बनाने के उपकरण भी बरामद किए हैं…पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए दर्शन सिंह के खिलाफ केलाखेड़ा और गदरपुर थाने में गैंगस्टर और कुल आर्म्स एक्ट सहित कुल 13 मुकदमे दर्ज हैं…
उधर राज्य के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश में चलाए गए ‘ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन 2025’ को अमली जामा पहनाते हुए जनपद में एसएसपी मणिकांत मिश्रा के कुशल निर्देशन में पुलिस नशे के सौदागरों पर भी बेहद सख्ती के साथ शिकंजा कस रही है…इसी क्रम में आज SOG और पुलिस की एक संयुक्त टीम ने काशीपुर क्षेत्र से 1 करोड रुपए की स्मैक के साथ एक बेहद शातिर नशा तस्कर को गिरफ्तार किया है…पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गया नशा तस्कर मूल रूप से बरेली जिले का रहने वाला है,जिसके खिलाफ एनडीपीएस के कई मुकदमे भी दर्ज हैं..
हम आपको बता दें कि CM धामी के निर्देश पर देवभूमि उत्तराखंड को ड्रग फ्री प्रदेश बनाने के लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक के निर्देशन में प्रदेश के सभी जनपदों में पुलिस द्वारा नशा तस्करों के खिलाफ व्यापक स्तर पर शुरू की गई मुहिम अब रंग लाने लगी है …इसी क्रम में नेपाल और उत्तर प्रदेश के पांच संवेदनशील जनपदों से लगे हुए जनपद ऊधमसिंहनगर में भी पुलिस खास तौर पर नशा तस्करों के खिलाफ व्यापक अभियान चला रही है और बीते 70 दिनों में एसएसपी मणिकांत मिश्रा के निर्देशन में पुलिस अब तक साढे चार करोड़ रुपए के मादक पदार्थों की बरामदगी कर पुलिस 275 नशा तस्करों को सलाखों के पीछे भेज चुकी है …
जिले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की कार्यप्रणाली से एक तरफ जहां नशा और हथियार तस्करों नींद उड़ी हुई है,वहीं दूसरी तरफ भू माफियाओं में भी हड़कंप मचा हुआ है और तो और साम दाम दंड भेद के आधार पर खुद को कानून से ऊपर समझने वाले अराजक तत्व भी अब अपनी औकात में है…अपराधियों के दिमाग में तो पुलिस का खौफ इस कदर हावी गया है कि जिले में सक्रिय रहने वाले शातिर अपराधी अब जिले से पलायन करने लगे हैं क्योंकि अपराधियों को अब ये डर सता रहा है कि अगर अपराधियों अपने जिले में किसी वारदात को अंजाम दिया तो कभी ना कभी पुलिस की गोली से उनका सामना हो ही जाएगा और पुलिस की गोली पैर को छोड़कर कहीं इधर-उधर लग गई लग गई तो निश्चित तौर पर बदमाश की आत्मा का परमात्मा से मिलन तो हो ही जाएगा…
दरअसल तराई में कुछ इसी प्रकार की पुलिसिंग की आवश्यकता बीते कई वर्षों से थी पर न जाने क्यों जिले में तैनात रहने वाले बड़े-बड़े सुरमा जिले में चाह कर भी पुलिस और कानून का इकबाल बुलंद नहीं कर पाए…बहरहाल लोगों को अब जिले के नए कप्तान से काफी उम्मीदें हैं और लोगों की उम्मीद पर तेज तर्रार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा खरे भी उतर रहे हैं।