जनपद ऊधमसिंहनगर में कुछ शराब की दुकान के ठेकेदारों पर बीते वित्तीय वर्ष 2021-22 का 32 करोड़ों रुपए का बकाया अधिभार शुल्क होने के बाद भी बकायेदार शराब ठेकेदारों पर जिले के तत्कालीन और वर्तमान जिला आबकारी विभाग ने विशेष कृपा दिखाते हुए शराब कारोबारियों को शराब की निकासी का लगातार कैसे विशेष आशीर्वाद दिया इसका खुलासा हमने अपने बीते 12 मई की स्टोरी में किया था….इस पूरे मामले के खुलासे के बाद हमारी खबर का असर हुआ है और जिला आबकारी अधिकारी हरीश कुमार ने प्रथम चरण में आबकारी विभाग को करोड़ों रुपए का बकाया अधिभार शुल्क नहीं देने वाले जिले के 15 शराब ठेकेदारों की दुकानों का लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति रिपोर्ट आगामी 6 जून को जिलाधिकारी को सौंप देंगे….
दरअसल नियमानुसार शराब कारोबारियों को प्रतिमाह शराब की दुकानों का एक निश्चित अधिभार शुल्क देना होता है और अधिभार शुल्क देने के बाद ही उन्हें निकासी की अनुमति प्रदान की जाती है पर ऊधमसिंहनगर जिले में ठीक इसके विपरीत कार्य हो रहा था,जबकि करोड़ों रुपए के ऐसे बकायेदारों की न तो निकासी बंद की गई और ना ही बकायेदारों की दुकानों का आवंटन ही निरस्त हुआ….अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो वित्तीय वर्ष 2021-22 में ऊधमसिंहनगर जिले की कई विदेशी मदिरा की दुकानों पर कुल 24 करोड़ 19 लाख 84 हजार 282 रुपए का अधिभार अवशेष है,जबकि देसी शराब की दुकानों पर 8 करोड़ 39 लाख 25 हजार 808 रुपए का अधिकार बकाया है….
कुल मिलाकर जिले के शराब कारोबारियों पर आबकारी विभाग का वित्तीय वर्ष 2021-22 का 32 करोड़ 59 लाख 10 हजार 90 रुपए का अधिभार अवशेष है पर बावजूद इसके सभी बकायेदार शराब कारोबारियों को तत्कालीन और वर्तमान जिला आबकारी अधिकारी की विशेष कृपा के तहत बदस्तूर शराब की निकासी दी जा रही थी….अपनी खबर में हमने यह सवाल भी उठाया था कि एक तरफ जहां जिले में लाखों रुपए के बकायेदारों को पकड़ कर तहसील के बंदीगृहो में डाला जा रहा है,वहीं दूसरी तरफ आबकारी विभाग जिले के उन शराब कारोबारियों पर ना जाने क्यों विशेष कृपा दिखा रहा है जिन पर आज भी सरकार के करोड़ों रुपए का अधिभार शुल्क बकाया है….
उधर इस पूरे मामले पर जब हमने जिला आबकारी अधिकारी हरीश कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 का अवशेष अधिभार जमा नहीं करने वाले शराब की दुकान के ठेकेदारों को 31 मई तक बकाया अधिभार जमा कराने का अंतिम अवसर दिया गया था पर ज्यादातर बकायेदारों कि कान पर जूं तक नहीं रेंगी….लिहाजा करोड़ों का बकाया अधिभार शुल्क न देने वाले जिले के 15 शराब ठेकेदारों की दुकानों का लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति रिपोर्ट जिला आबकारी अधिकारी आगामी 6 जून को जिलाधिकारी को सौंप देंगे और अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो अगले दो-तीन दिनों के अंदर डीएम के हस्ताक्षर के बाद दुकानों के लाइसेंस भी निरस्त हो जाएंगे साथ ही साथ लाइसेंस निरस्तीकरण की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद बकायेदारों की आरसी काटकर उनसे बकाया अधिभार शुल्क वसूली की कार्रवाई को भी अंजाम दिया जाएगा।
रुद्रपुर:खबर का हुआ असर,करोड़ों का बकाया अधिभार जमा न करने वाले 15 शराब ठेकेदारों की दुकानों का लाइसेंस होगा निरस्त
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