जनपद ऊधमसिंहनगर स्थित पंतनगर सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र की प्रतिष्ठित कंपनी यूनो मिंडा की सामाजिक संस्था सुमन निर्मल मिंडा फाउंडेशन की इकाई संस्था समर्थ ज्योति के द्वारा वर्तमान समय में देश के कई राज्यों में विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है और समर्थ ज्योति संस्था द्वारा देश के अलग-अलग राज्यों के 17 केंद्रों में जरूरतमंद युवतियों और महिलाओं को व्यवसायिक प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है….
इसी के मद्देनजर बीते 14 अप्रैल को रुद्रपुर में आयोजित हुए एक कार्यक्रम में कुशल व्यवसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली 323 युवतियों और महिलाओं को कंपनी के प्रतिनिधियों ने सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया….हम आपको बता दें कि यूनो मिंडा ग्रुप की सामाजिक संस्था सुमन निर्मल मिंडा फाउंडेशन की इकाई संस्था समर्थ ज्योति से प्रत्येक वर्ष महिलाओं और युवतियों का 2 बैच प्रशिक्षण लेकर आत्मनिर्भर बनकर अपने-अपने कार्य क्षेत्रों में काफी उन्नति कर रहे हैं….
(श्रीमती पुष्पा देवी,समाजसेवी)
समर्थ ज्योति संस्था द्वारा अब तक कुल 28 बैच के सफल संचालन द्वारा सैकड़ों युवतियों और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जा चुका है….समर्थ ज्योति संस्था से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर अपने रोजमर्रा की जरूरतों को भी पूरा कर लेती हैं,जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी एक अच्छा प्रयास है…..समर्थ ज्योति संस्था जरूरतमंद युवतियों और महिलाओं को व्यवसायिक प्रशिक्षण देकर अपने पैरों पर खड़ा करने में पूरी मदद करती है….
(राजीव दत्ता,बिजनेस हेड,यूनो मिंडा)
इस संस्था में प्रवेश लेने वाली जरूरतमंद युवतियों और महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई,ब्यूटी पार्लर और कंप्यूटर कोर्स का व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है….बीते शुक्रवार को पंतनगर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित यूनो मिंडा कंपनी के कैंपस एचआर हेड संदीप उपाध्याय के कुशल निर्देशन में आयोजित हुए प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम में कंपनी की तरफ से राजीब दत्ता और आलोक शर्मा (बिज़नेस हेड),अशोक कुमार,समाजसेवी श्रीमती पुष्पा देवी,आनंद पल सिंह,अखिलेश सिंह,ज्योति प्रकाश सिंह-प्लांट हेड,दीप चन्द्र,बवारी,राजेंदर बोरा,लक्ष्मीकांत,राजीव नाथ और संस्था के सभी सदस्यों ने प्रतिभाग किया….

हम आपको बता दें कि कोरोना काल में भी मिंडा इंडस्ट्रीज ने सामाजिक सरोकार की जिम्मेदारी को निभाते हुए हजारों की संख्या में जरूरतमंद लोगों को जिला-प्रशासन के साथ मिलकर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराकर मानवता की मिसाल कायम की थी।
