जम्मू कश्मीर के डोडा में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए 48 राष्ट्रीय राइफल के 24 वर्षीय कैप्टन दीपक सिंह का पार्थिव शरीर आज गुरुवार को जब जौलीग्रांट एयरपोर्ट देहरादून पहुंचा तो पूरा एयरपोर्ट परिसर ‘जब तक सूरज चांद रहेगा,दीपक तेरा नाम रहेगा’ के नारों से गूंज उठा उधर एयरपोर्ट पर पहले से मौजूद उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नम आंखों से शाहिद दीपक सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर दीपक को आखिरी सलाम देकर श्रद्धांजलि अर्पित कर शहीद दीपक के पिता महेश सिंह से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया और राज्य सरकार के स्तर से हर संभव मदद का आश्वासन भी शाहिद के परिजनों को दिया…
इस दौरान राज्यपाल ने यह साफ कहा कि शहीद कैप्टन दीपक सिंह देवभूमि उत्तराखण्ड के गौरव हैं और माँ भारती की सेवा में उनका यह बलिदान युवाओं के जहन में राष्ट्रभक्ति का संचार करता रहेगा…देश की रक्षा करते हुए आतंकवाद के विरुद्ध हमारे वीर जांबाज का ये सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और इस दुख की घड़ी में संपूर्ण प्रदेश के साथ ही पूरा देश भी शहीद के परिजनों के साथ खड़ा है…उधर मौके पर मौजूद मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर जवानों की शहादत और उनके शौर्य से ही हमारा देश सुरक्षित है…शहीद कैप्टन दीपक का देश की सुरक्षा के लिए दी गई शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी….
मुख्यमंत्री पुष्कर दिन धामी ने यह भी साफ कहा कि पूरा प्रदेश शहीद के परिजनों के साथ खड़ा है और राज्य सरकार द्वारा शहीद के परिजनों को हर संभव मदद की जाएगी…हम आपको बता दें कि देहरादून के रेसकोर्स निवासी 25 वर्षीय कैप्टन दीपक सिंह मूल रूप से अल्मोड़ा के कामा गांव निवासी के रहने वाले थे…कैप्टन दीपक 13 जून 2020 को सेना में कमीशन हुए थे,दीपक को बचपन से देश सेवा का जुनून सवार था और दीपक को हॉकी खेलना भी पसंद था…शहीद कैप्टन दीपक सिंह दो बहनों के इकलौते भाई थे और बीते मई माह में उनकी छोटी बहन की शादी हुई थी,जिसमे दीपक शामिल हुए थे,जहां उन्होंने लगभग 2 महीने घर पर ही छुट्टी भी बिताई थी…
घर से छुट्टी खत्म होने के बाद वर्तमान समय में वो जम्मू कश्मीर में अपनी ड्यूटी पर तैनात थे,शहीद दीपक काउंटर इंसर्जेंसी 48 राष्ट्रीय राइफल्स में सिग्नल अधिकारी के पद पर तैनात थे… जांबाज दीपक सिंह राष्ट्रीय राइफल के क्विक रिएक्शन टीम (QRT) का नेतृत्व कर रहे जो अस्सार फॉरेस्ट एरिया में आतंकियों का सफाया करने में जुटी है। कैप्टन दीपक सिंह के पिता महेश सिंह ने 30 अप्रैल को उत्तराखंड पुलिस से बतौर निरीक्षक वॉलंटरी रिटायरमेंट ले लिया था,इससे पहले वो देहरादून स्थित पुलिस मुख्यालय में तैनात रहे और वर्तमान समय में देहरादून के कुआंवाला स्थित विलडास कॉलोनी में रह रहे हैं…उधर आज देहरादून के जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पर शाहिद दीपक सिंह को अंतिम सलामी देने के लिए विधायक बृजभूषण गैरोला,लेफ्टिनेंट जनरल संदीप जैन,कमान्डेंट भारतीय सैन्य अकादमी,मेजर जनरल आर प्रेम राज,जीओसी उत्तराखंड सब एरिया साहित सैकड़ो की संख्या में गणमान्य लोग भी मौजूद रहे। देवभूमि उत्तराखंड के जांबाज शाहिद दीपक सिंह की शहादत को हम भी करते हैं नमन और देवभूमि के इस लाल के लिए हम यह ही कह सकते हैं कि “वतन से मोहब्बत वो इस कदर निभा गए,आजादी के दिन ही वतन पर जान लुटा गये ”
**देहरादून:देवभूमि के लाल शहीद कैप्टन दीपक सिंह को आखिरी सलाम,नम आंखों से राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने दी जांबाज को श्रद्धांजलि**
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