स्मार्ट मीटर को लेकर उठाए जा रहे सवालों को देखते हुए स्मार्ट मीटर को लेकर आम उपभोक्ताओं में विश्वास जगाने के लिए पावर कारपोरेशन पहले चरण में सरकारी कर्मियों,सरकारी कार्यालयों, विद्युत संस्थाओं,उप संस्थानों,सौर ऊर्जा के उपभोक्ताओं,डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर और औद्योगिक इकाइयों में ही स्मार्ट मीटर लगा रहा है…हालांकि कई राजनीतिक पार्टी स्मार्ट मीटर को प्रीपेड मीटर बता कर विद्युत उपभोक्ता में भ्रम की स्थिति पैदा कर दुष्प्रचार भी कर रही है जबकि उत्तराखंड में प्रथम चरण में जो मीटर लगाए जा रहे हैं वो स्मार्ट मीटर है ना की प्रीपेड मीटर…दरअसल स्मार्ट मीटर लगने के बाद विद्युत उपभोक्ताओं को समय पर विद्युत कटौती,विद्युत से जुड़ी समस्याएं और विद्युत बिल की जानकारी भी डिजिटल तौर पर आसानी से हो जाएगी…इस बात जानकारी आज विद्युत विभाग रुद्रपुर क्षेत्र के चीफ इंजीनियर नरेंद्र सिंह टोलिया ने दी साथ ही चीफ इंजीनियर ने यह भी बताया कि स्मार्ट मीटर को लेकर आम उपभोक्ताओं में विश्वास जगाने के लिए स्मार्ट मीटर को प्रथम चरण में सरकारी कर्मचारियों के घरों,सरकारी संस्थाओं और इंडस्ट्री उपभोक्ताओं में लगाया जा रहा है…इस पहल का उद्देश्य यह है कि विद्युत विभाग के अधिकारी और कर्मचारी सबसे पहले स्वयं स्मार्ट मीटर की तकनीकी बारीकियों को समझें और उसकी खामियों को सुधारें,जिससे आगे चलकर उपभोक्ताओं को निर्बाध सेवाएं प्रदान की जा सकें…
(नरेंद्र सिंह टोलिया,चीफ इंजीनियर,विद्युत विभाग,रुद्रपुर क्षेत्र)
गौरतलब है कि स्मार्ट मीटर लगाए जाने का कार्य अखिल भारतीय स्तर पर केंद्र पोषित आर०डी०एस०एस० योजना के अंतर्गत किया जा रहा है,जिसके क्रियान्वयन हेतु केन्द्रीय स्तर पर नोडल एजेंसी मै० आर० ई० सी० तथा मै० पी० एफ० सी० लिमिटेड है…इस योजना के अंतर्गत देश भर में अब तक 19.78 करोड़ स्मार्ट मीटरों को लगाए की स्वीकृति प्रदान की गई है,जिसके सापेक्ष 88.98 लाख स्मार्ट मीटरों की स्थापना की जा चुकी है…इसके अलावा हिमाचल प्रदेश,बंगाल,जम्मू कश्मीर और पंजाब राज्य में भी स्मार्ट मीटर लगाने का काम केंद्र पोषित योजना के अंतर्गत किया जा रहा है…उतरारखंड राज्य में भी विभिन्न योजनाओं में स्मार्ट मीटर लगाये जाने का कार्य किया जा रहा है,राज्य में स्मार्ट मीटरों की स्थापना हेतु राज्य के गढ़वाल तथा कुमाऊ क्षेत्रों हेतु अलग अलग पैकेजों में निविदाकर्ताओं द्वारा प्रतिभाग किया गया था।