उत्तराखंड के लिए आज का दिन काला सोमवार साबित हो गया, दरअसल आज अल्मोड़ा जिले के मार्चुला के पास कूपी गांव के नजदीक एक बस के गहरी खाई में गिरने से 36 लोगों की मौत हो गई,जबकि 24 लोग घायल हो गए जिनमें से 15 लोगों को इलाज के लिए प्राथमिक स्तर पर रामनगर के सरकारी चिकित्सालय में लाया गया था…उधर आज तड़के सुबह लगभग 8:30 बजे बस दुर्घटना के बाद दुर्घटना स्थल पर मौजूद स्थानीय लोग और बचाव कर्मी जहां-तहां फैली लाशों को देख कर सकते में आ गए, दुर्घटना में जिन चार लोगों को गंभीर रूप से हेड इंजरी आई थी उन चार घायलों को एयरलिफ्ट भी किया गया है,जबकि 4-5 घायलों को एम्स ऋषिकेश और सुशीला तिवारी चिकित्सालय में भी भर्ती कराया गया है…अल्मोड़ा में हुए इस भीषण सड़क दुर्घटना के बाद राहत टीम के आने से पहले ही जागरूक स्थानीय गांव वालों ने बस के अंदर पड़े घायलों को बाहर निकाल कर अस्पताल पहुंचाने का कार्य शुरू कर दिया था और बाद में राहत टीम के आने के बाद बचाव कार्य में और भी तेजी आई…
आज जिस स्थान पर बस दुर्घटनाग्रस्त हुई वहां पर बहुत दुर्गम खाई थी,जिस कारण राहत और बचाव कार्य में बहुत परेशानी हुई…इस भीषण सड़क दुर्घटना में बस सड़क से लुढ़कर नीचे 150 मीटर गहरी खाई में गिर गई जिस कारण बस के परखच्चे तक उड़ गए…मौके पर राहत एवं बचाव कार्य के लिए जब SDRF और एसडीआरएफ की तीन टीमें पहुंची तो राहत बचाव और रेस्क्यू कार्य को और तेज किया गया…आज सुबह-सुबह जब अल्मोड़ा में बस खाई में गिरने और बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने की सूचना से आई तो लोग डर गए…इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत की सूचना से जहां स्थानीय लोग गमजदा हो गए,वहीं मौके पर बचाव एवं राहत राहत कार्य करने वाले जवान भी भावुक दिखाई दिए…बताया जा रहा है कि नैनीडांडा से रामनगर जा रही बस अल्मोड़ा के मार्चुला के पास खाई में गिर गई…बस के खाई में गिरने के दौरान कुछ यात्री छिटक कर इधर-उधर गिर गए,जबकि कुछ यात्री बस के साथ-साथ खाई तक चले गए…40 सीटर बस में 55 से ज्यादा यात्री थे…फिलहाल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुर्घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं…
दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर अल्मोड़ा के DM आलोक पांडे,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा और कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत भी मौके पर पहुंच गए थे…बस दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद आज राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया और रामनगर पहुंचकर दुर्घटना में घायल लोगों का CM ने हाल-चाल जाना साथ ही मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों को घायलों के बेहतर इलाज के निर्देश भी दिए,दुर्घटना में मारे गए लोगों के प्रति भी मुख्यमंत्री ने शोक संवेदना व्यक्त की…अल्मोड़ा सड़क हादसे पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,गृह मंत्री अमित शाह,राष्ट्रपति और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गहरा दुख व्यक्त किया है…इसके अलावा प्रियंका गांधी ने भी अल्मोड़ा में आज हुए भीषण सड़क दुर्घटना में मरने वाले 36 लोगों की मौत पर शोक संवेदना व्यक्त की है…उधर सीएम ने बस दुर्घटना में हताहत मृतक परिजनों को 4-4 लाख रूपये और घायलों को 1-1 लाख रुपये की सहायता राशि देने का निर्देश भी अधिकारियों को दे दिए हैं…
उधर इस पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद परिवहन विभाग ने रामनगर की प्रभारी ARTO एनफोर्समेंट नेहा झा और पौड़ी के प्रभारी ARTO एनफोर्समेंट कुलवंत चौहान को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है…बताया यह भी जा रहा है कि दुर्घटनाग्रस्त बस 37 सीटर थी पर बस में 55 से ज्यादा यात्री सवार थे…दुर्घटना के बाद मौके पर घायलों का हाल-चाल जानने पहुंचे नैनीताल के सांसद अजय भट्ट को मौके पर मौजूद मृतकों के परिजनों के क्रोध का भी सामना करना पड़ा और मौके पर मौजूद आक्रोशित लोगों ने भाजपा सांसद का जमकर विरोध भी किया… मौके पर मौजूद सामाजिक कार्यकर्ता ललित उप्रेती ने साफ कहा कि दुर्घटना में घायल लोगों को अगर समय पर इलाज मिल जाता तो बहुत से लोगों की जान बचाई जा सकती थी…ललित उप्रेती ने यह भी साफ कहा कि रामनगर के सरकारी अस्पताल को PPP मोड़ से हटकर अस्पताल को ट्रामा सेंटर बनाया जाए और राज्य के पर्वतीय मार्गों पर रोडवेज की बसों का संचालन किया जाए…
पीएम नरेंद्र मोदी ने अल्मोड़ा हादसे में मारे गए हर व्यक्ति के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है,इसके साथ ही पीएम ऑफिस के हैंडल से किए गए सोशल मीडिया पोस्ट में कहा गया है कि घायलों को 50,000 रुपए दिए जाएंगे…
हम आपको बता दें कि मार्चुला में आज हुई बस दुर्घटना ने वर्ष 2018 में हुए पौड़ी में हादसे की यादें ताजा कर दीं,जहां उस दौरान एक बस दुर्घटना में 48 लोगों की मौत हुई थी और उस दौरान भी यात्रियों से खचाखच भरी बस खाई में गिर गई थी, जिसमें एक ही गांव के 48 लोग काल के गाल में समा गए थे …हम आपको बता दें कि उस दौरान हुई सड़क दुर्घटना को हाईकोर्ट ने भी काफी गंभीरता से लिया था और परिवहन विभाग को कई सख्त दिशा निर्देश भी जारी किए थे…मार्चुला में आज हुए सड़क दुर्घटना में बहुत से सवाल खड़े होते हैं मसलन
जब पहाड़ों की सड़क काफी जर्जर है तो उसे समय पर ठीक करने की जिम्मेदारी किसकी है ?
सवाल यह भी उठना है कि जिस सड़क मार्ग आज दुर्घटना हुई वहां रोडवेज की बसों का संचालन क्यों नहीं किया जा रहा था ?
दुर्घटना के बाद आज परिवहन विभाग के दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है पर स्थानीय लोगों का कहना है कि दुर्घटना के लिए खराब सड़क भी जिम्मेदार है तो क्या कारण है कि सड़क की मरम्मत करने वाली संस्था के जिम्मेदार अधिकारियों को निलंबित नहीं किया गया ?
स्थानीय लोगों का कहना है कि मौके पर चिकित्सा सुविधा पहुंचाने में काफी देर हुई जिस कारण इलाज क्या आभाव में कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी तो आखिरकार चिकित्सा विभाग से जुड़े जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई ?
बताया जा रहा है कि जिस स्थान पर सड़क दुर्घटना हुई वहां मौके पर कोई भी पैराफिट नहीं बना हुआ था तो आखिरकार ऐसे खतरनाक रास्तों पर पैराफिट क्यों नहीं बनाया गया था ?
सवाल यह भी उठना है कि जिस क्षेत्र में आज सड़क दुर्घटना के कारण 36 लोगों की मौत हो गई वहां के स्थानीय जनप्रतिनिधि खराब और जर्जर सड़क को बनवाने लेकर अब तक क्या कर रहे थे ?
हालांकि जिस तरह से गंभीर रूप से घायल लोगों को एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश और सुशीला तिवारी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया वो तारीफे काबिल है ।