उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज विधानसभा में समान नागरिक संहिता बिल पेश कर दिया है…आज CM पुष्कर सिंह धामी भारतीय संविधान की एक प्रति के साथ देहरादून स्थित अपने आवास से सदन के लिए रवाना हुए थे….मुख्यमंत्री धामी ने आज विधानसभा में जब समान नागरिक संहिता बिल पेश किया तो भाजपा विधायक और मंत्रियों ने विधानसभा में जय श्री राम के नारे भी लगे….सदन में UCC बिल पेश करने के बाद CM पुष्कर सिंह धामी ने यह साफ कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से हमने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता से राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लाने का जो ‘संकल्प’ प्रकट किया था,उसे आज हम पूरा करने जा रहे हैं….हमारी सरकार ने पूरी जिम्मेदारी के साथ समाज के सभी वर्गों को साथ लेते हुए समान नागरिक संहिता का विधेयक विधानसभा में पेश कर दिया है….
देवभूमि के लिए वह ऐतिहासिक क्षण निकट है जब उत्तराखण्ड आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विजन “एक भारत,श्रेष्ठ भारत” का मजबूत आधार स्तम्भ बनेगा….उधर उत्तराखंड के विधानसभा में आज समान नागरिक संहिता बिल पेश कर राज्य के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक ऐतिहासिक काम किया है…. यूनिफॉर्म सिविल कोड पर अपना वादा पूरा करने के बाद पुष्कर सिंह धामी का राजनीतिक कद अब देश में और बढ़ गया है….हम आपको बता दें कि यह युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दूरगामी सोच का ही परिणाम है कि आज उत्तराखंड के विधानसभा में UCC बिल पेश हो गया है।
*****आजादी के बाद उत्तराखंड देश का ऐसा पहला राज्य बन जाएगा जहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होगा******
भारतीय संविधान में आजादी से पहले गोवा को विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ है साथ ही संसद ने कानून बनाकर गोवा को पुर्तगाली सिविल कोड लागू करने का अधिकार दिया था इसलिए गोवा एकमात्र ऐसा राज्य है जहां सिविल कोड लागू है पर उत्तराखंड आज विधानसभा में यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल पेश हो गया है और अब जल्द ही उत्तराखंड देश का ऐसा पहला पहला राज्य बन जाएगा,जहां आजादी के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होगा….
उधर यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल पर उत्तराखंड के विधि विशेषज्ञ एवं हाईकोर्ट के अपर महाधिवक्ता अमरेंद्र प्रताप सिंह का यह कहना है कि समानता के अधिकार के लिए नीति निर्देशक तत्वों में आजादी के 75 वर्षों के बाद आज उत्तराखंड देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है जिसने विधानसभा में UCC बिल पेश कर दिया है,जो कि हमारे संविधान निर्माताओं की मंशा थी और उसके अनुरूप ही राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में आज सदन में समान नागरिक संहिता बिल पेश कर दिया है,जो अब जल्द ही प्रदेश में लागू हो जाएगा और उत्तराखंड UCC लागू करने वाला देश का प्रथम राज्य बन जाएगा….
उधर आज जिस दौरान सदन में मुख्यमंत्री उत्तराखंड सिविल कोड बिल पेश कर रहे थे उसे दौरान विधानसभा के बाहर एहतियात के तौर पर सुरक्षा-व्यवस्था काफी सख्त कर दी गई थी….इसके अलावा कानून-व्यवस्था के मद्देनजर आज प्रदेश के संवेदनशील जनपदों में भी सुरक्षा-व्यवस्था काफी सख्त रही…हम आपको बता दें कि यूनिफॉर्म सिविल कोड ड्राफ्ट को तैयार करने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया गया था और समिति ने 20 माह के कार्यकाल में विभिन्न धर्मों,समूहों, आमजन के साथ-साथ राजनीतिक दलों से संवाद कर संहिता का ड्राफ्ट तैयार किया था।
******** क्या होता है यूनिफॉर्म सिविल कोड ? ***********
यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब है कि देश में रहने वाले सभी नागरिकों (हर धर्म,जाति,लिंग के लोग) के लिए एक ही कानून होना….अगर किसी राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होता है तो विवाह,तलाक,बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे तमाम विषयों में हर नागरिकों के लिए एक से कानून होगा….संविधान के चौथे भाग में राज्य के नीति निर्देशक तत्व का विस्तृत ब्यौरा है,जिसके अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू करना सरकार का दायित्व है।